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बुरे बर्ताव और घर में नजरअंदाज होने पर किशोर पीते हैं सिगरेट- शोध

सब्सटेंस यूज एंड मिसयूज (Substance Use Misuse) मेडिकल पत्रिका में यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि घर में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार काफी जोखिम भरा हो सकता

By Pooja SinghEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 03:07 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 03:07 PM (IST)
बुरे बर्ताव और घर में नजरअंदाज होने पर किशोर पीते हैं सिगरेट- शोध
बुरे बर्ताव और घर में नजरअंदाज होने पर किशोर पीते हैं सिगरेट- शोध

न्यूयॉर्क, आइएएनएस। बच्चों में ध्रूमपान बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है, लेकिन क्या आपको पता है कि छोटी सी उम्र में बच्चे ध्रूमपान क्यों शुरू कर देते हैं? दरअसल, जब घर में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है या फिर बच्चों को नजरअंदाज किया जाता है तो वह सिगरेट पीने की तरफ आगे बढ़ते हैं। घर में हुए बुरे बर्ताव के बाद बच्चे छोटी सी उम्र में ही सिगरेट या दूसरी बुरी आदतें शुरू कर देते हैं। यह एक रिसर्च में सामने आया है। सब्सटेंस यूज एंड मिसयूज (Substance Use & Misuse) मेडिकल पत्रिका में यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि घर में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार काफी जोखिम भरा हो सकता है। खासकर बचपन में बच्चों के साथ इस प्रकार का व्यवहार काफी घातक सिद्ध होता है। क्योंकि इस प्रकार के व्यवहार से परेशान होकर बच्चे स्मोकिंग करने लगते हैं। इसके बाद धीरे-धीरे स्मोकिंग बच्चों की आदत बन जाती है।

सिगरेट पीने से दिमाग को होता है नुकसान

यूएस में ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी (Ohio State University) के सहायक प्रोफेसर सुसान यून (Susan Yoon)ने बताया कि उन्होंने ऐसे बच्चों के डाटा की जांच कि जिसमें बच्चों के साथ बुरा बर्ताव और नजरअंदाज किया जाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि वह अलग-अलग दुराचार के केस को देखा गया। ताकी उन्हें बच्चों में सिगरेट पीने का असर पता चल सके। उन्होंने बताया कि बच्चों में सिगरेट पीने की लत गंभीर सामजिक समस्या है। साथ ही कहा की छोटी युवाअवस्था में सिगरेट पीने से बच्चों का दिमाग ठीक से काम नहीं कर पाता है। यही नहीं यह दिमाग को खत्म करने में भी अपना असर दिखाता है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि जो छोटी उम्र में सिगरेट पीना शुरू करने से वह आदत बन जाती है।

903 किशोर के डाटा पर किया शोध

शोधकर्ताओं की टीम ने 903 किशोर के डाटा का इस्तेमाल यह पता लगाने के लिए किया। जिसमें 12, 16 और 18 साल की उम्र की किशोरों के सैंपल थे। इसमें सामने आया है कि बचपन, स्कूल की उम्र और किशोरअवस्था में बच्चों के साथ बुरा बर्ताव और नजरअंदाज करने के चलते सिगरेट पीने की चपेट में आते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि 12 से 18 साल की उम्र में कम से कम 61 फीसद बच्चे सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं।


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