Move to Jagran APP

पूरी दुनिया में बाल श्रमिकों की संख्‍या के बारे में जानकर चौंक जाएंगे आप, यूएन की रिपोर्ट आई सामने

पूरी दुनिया में बाल श्रमिकों की संख्‍या काफी बढ़ गई है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की एक रिपोर्ट में इनकी संख्‍या 16 करोड़ तक बताई गई है। इसमें कहा गया है कि 2022 तक ये संख्‍या बढ़कर 20 करोड़ तक हो सकती है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 01:31 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 01:31 PM (IST)
पूरी दुनिया में बाल श्रमिकों की संख्‍या के बारे में जानकर चौंक जाएंगे आप, यूएन की रिपोर्ट आई सामने
बाल श्रमिकों की पूरी दुनिया में संख्‍या बढ़ी है।

न्‍यूयार्क (संयुक्‍त राष्‍ट्र)। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी अंतरराष्‍ट्रीय श्रम संगठन और संयुक्‍त राष्‍ट्र बाल कोष की एक साझा रिपोर्ट में कई चौकाने वाले तथ्‍यों का खुलासा हुआ है। ये रिपोर्ट गुरुवार को जारी हुई है। ये रिपोर्ट 12 जून को मनाए जाने वाले 'बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस' से पहले जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि दो दशकों में पहली बार बाल श्रमिकों की संख्या में जबरदस्‍त बढ़ोत्तरी देखी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में बाल श्रमिकों की संख्‍या 16 करोड़ पहुंच गई है। बीते चार वर्षों में इस आंकड़ें में करीब 84 लाख नए बाल श्रमिक जुड़ गए हैं। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मौजूदा मजामारी की वजह से लाखों बच्‍चों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। आईएलओ और यूनिसेफ की ये रिपोर्ट 'Child Labour: Global estimates 2020, trends and the road forward’ के नाम से सामने आई है।

loksabha election banner

इस रिपोर्ट के बारे में बताते हुए यूनीसेफ की कार्यकारी डायरेक्‍टर हेनरीएटा फोर के मुताबिक इस रिपोर्ट में इंटरनेशनल डेवलेपमेंट बैंकों से अपील की गई है कि वो ऐसे प्रोग्राम में इंवेस्‍ट को प्राथमिकता दें जो बाल श्रम में लगे बच्‍चों को यहां से हटाकर वापस स्‍कूल का रास्‍ता दिखा सकें। इस रिपोर्ट में पूरी दुनिया के देशों की सरकारों से भी आग्रह किया है कि वो अपने यहां पर बेहतर सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों चलाएं, जिससे परिवारों को अपने बच्‍चों को बाल श्रम की तरफ भेजने की जरूरत ही न महसूस हो।

इस रिपोर्ट में इस बात को लेकर चेतावनी दी गई है कि दो दशकों में बाल श्रम को खतम करने की प्रोग्रेस भी इस दौरान बाधित हुई है। रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2000-2016 के बीच बाल मजदूरों की संख्या में करीब साढ़े नौ करोड़ की कमी देखी गई थी। लेकिन बाद में गिरावट की ये रुझान पूरी तरह से बदल गया। इस रिपोर्ट में बेहद कम उम्र के बच्‍चों द्वारा बाल श्रम में शामिल होने की भी बात की गई है।

रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 से अब तक 5-17 वर्ष की आयु वर्ग में बाल श्रम की संख्‍या में 65 लाख की तेजी देखी गई है। आईएलओ के महानिदेशक गाय राइडर का कहना है कि रिपोर्ट में शामिल आंकड़े पूरे विश्‍व के लिए एक चेतावनी के तौर पर हैं। ये बताते हैं कि बच्चों की एक और पीढ़ी को बड़े खतरे की तरफ धकेला जा रहा है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सब-सहारा अफ्रीका में बीते चार वर्षों में अतिरिक्त डेढ़ करोड़ से अधिक बच्‍चे बाल श्रम का शिकार हुए हैं। मौजूदा महामारी के की वजह से एशिया प्रशांत, लेटिन अमेरिका और कैरेबियन क्षेत्र में इस तरफ हुई प्रगति में भी बाधा आई है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि महामारी की वजह से 2022 के अंत तक करीब 90 लाख अतिरिक्‍त बच्‍चों को बाल श्रम की तरफ धकेला जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.