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दवाओं के साथ चकोतरा का सेवन हो सकता है घातक

क्लीनिकल फार्माकोलॉजी के डॉ. डेविड बेली ने बताया कि स्टेटिन दर्द निवारक दवाएं और कई सामान्य प्रयोग वाली दवाएं हैं जिनके साथ चकोतरा का सेवन बहुत घातक साबित हो सकता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 11:01 AM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 11:01 AM (IST)
दवाओं के साथ चकोतरा का सेवन हो सकता है घातक
दवाओं के साथ चकोतरा का सेवन हो सकता है घातक

द न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। आमतौर पर अगर आप दवा खाते हैं, तो आपको कोई फल खाने से नहीं रोका जाता। लेकिन चकोतरा यानी बड़ा नींबू (ग्रेपफ्रूट) के साथ ऐसा नहीं है। ऐसी 100 से ज्यादा दवाएं हैं, जिनके साथ चकोतरा का सेवन घातक हो सकता है। यहां तक कि कुछ मामलों में यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। क्लीनिकल फार्माकोलॉजी के डॉ. डेविड बेली ने बताया कि स्टेटिन, दर्द निवारक दवाएं और कई सामान्य प्रयोग वाली दवाएं हैं, जिनके साथ चकोतरा का सेवन बहुत घातक साबित हो सकता है। इस दुष्प्रभाव के लिए जरूरी नहीं है कि आपने चकोतरा या उसके जूस का बहुत ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल किया हो।

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उदाहरण के तौर पर अगर आप सिमवेस्टेटिन (कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवा) लेते हैं और उसके बाद चकोतरा का एक गिलास जूस पी लेते हैं, तो यह दवा के असर को तीन गुना ज्यादा करने में सक्षम है। निसंदेह यह सेहत के लिए अच्छा नहीं है। इसका दुष्प्रभाव उस स्थिति में और भी ज्यादा हो सकता है, अगर कोई व्यक्ति दिन में कई बार चकोतरा के जूस का सेवन करता हो। इससे शरीर में दवाओं का स्तर बढ़ने का खतरा रहता है। एड्स की कुछ दवाओं, गर्भनिरोधक दवाओं और कई हार्मोनल दवाओं पर भी चकोतरा के सेवन का दुष्प्रभाव पड़ता है। दिल की बीमारी में इस्तेमाल होने वाली और एंटी-साइकोटिक दवाएं लेने वालों को भी इससे परहेज करना चाहिए।

इसके खतरों में किडनी फेल होना, अचानक सांस उखड़ना और शरीर के भीतर रक्तस्राव होना जैसी गंभीर स्थितियां शामिल हैं। व्यक्ति की शारीरिक क्षमता और दवा के हिसाब से कुछ मामलों में दुष्प्रभाव जानलेवा भी हो सकता है। थायरायड के इलाज में इस्तेमाल होने वाली लेवोथायरॉक्सिन पर भी चकोतरा के जूस का दुष्प्रभाव पड़ता है। हालांकि इसका प्रभाव कम घातक होता है।

चकोतरा का सेवन प्राय: शरीर में थायरायड की दवा के अवशोषण को कम करता है। ऐसे में संभव है कि आपके शरीर को दवा की पूरी खुराक नहीं मिले। लेवोथायरॉक्सिन का सेवन केवल पानी से किया जाना चाहिए। इसे खाली पेट लेना चाहिए और कोशिश होनी चाहिए कि इसके घंटेभर बाद तक कुछ खाने-पीने से बचें। लेवोथायरॉक्सिन लेने वालों को कम से कम दवा के चार घंटे बाद तक किसी तरह का विटामिन या सप्लीमेंट लेने से भी बचना चाहिए। इनसे भी दवा का असर कम हो सकता है। कई अन्य दवाओं के मामले में भी ऐसा होता है।


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