US चुनाव को चीन ने बनाया ढाल, कहा- हम कम स्वतंत्र हैं, लेकिन स्थिर हैं, अमेरिकी राजनीतिक प्रणाली पर उठाया सवाल
सीसीपी ने कहा कि भले ही चीनी लोगों को कम स्वतंत्रता हासिल है लेकिन चीन में अधिक स्थिरता है। चीन के लोग ज्यादा एकीकृत है। सीसीपी ने कहा कि बीजिंग का यह विश्वास और दृढ़ हुआ है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में संरचनात्मक गिरवाट आ रही है।
वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्क। जो बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर ब्रिटेन समेत कई अन्य मुल्कों ने उन्हें बधाईयां दी है, लेकिन रूस और चीन की बाइडन के जीत के प्रति कोई उत्सुकता नहीं दिखाई है। दोनों देशों के प्रमुखों ने बाइडन को जीत की बधाई नहीं दी। इसे बीजिंग की कूटनीतिक चाल का हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि, चीन की राज्य स्वामित्व वाली मीडिया ने बाइडन की जीत पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। चीन की सरकारी मीडिया ने कहा है कि अमेरिका में बाइडन की जीत अमेरिका में आशावाद की जीत है।
चीनी मीडिया के इस प्रतिक्रिया को चीन के प्रचार का हिस्सा माना जा रहा है। इस प्रतिक्रिया से चीन के कम्युनिस्ट पार्टी की मंशा का अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। ऐसा नहीं कि चीन के लोगों की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उनकी रुचि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चीनी वेबसाइट वेइबो पर यह खूब देखा गया है। वेइबो पर अमेरिकी चुनाव सबसे अधिक खोजे के विषय थे। लोगों ने इस चुनाव में बहुत बड़ी दिलचस्पी दिखाई है।
उधर, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने अमेरिकी चुनाव के जरिए अपनी धारणाओं को और मजबूत किया है। अमेरिकी चुनाव ने अमेरिका के खिलाफ सीसीपी को पर्याप्त गोला-बारूद मुहैया कराया है। सीसीपी ने कहा कि अमेरिकी चुनाव के बाद यह बात सिद्ध हो गई है कि उनकी राजनीतिक प्रणाली श्रेष्ठ है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर निशाना साधते रहे हैं। सीसीपी ने कहा कि भले ही चीनी लोगों को कम स्वतंत्रता हासिल है, लेकिन चीन में अधिक स्थिरता है। चीन के लोग ज्यादा एकीकृत है। सीसीपी ने कहा कि बीजिंग का यह विश्वास और दृढ़ हुआ है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में संरचनात्मक गिरवाट आ रही है।