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शनि ग्रह के चक्कर लगाने वाला कैसिनी आज जलकर हो जाएगा खाक

कैसिनी का मिशन चार साल निर्धारित किया गया था, लेकिन यह बढि़या काम कर रहा था। इसे देखते हुए इसका मिशन दो बार बढ़ाया गया।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 15 Sep 2017 10:46 AM (IST)Updated: Fri, 15 Sep 2017 10:46 AM (IST)
शनि ग्रह के चक्कर लगाने वाला कैसिनी आज जलकर हो जाएगा खाक
शनि ग्रह के चक्कर लगाने वाला कैसिनी आज जलकर हो जाएगा खाक

वॉशिंगटन, एजेंसी। पिछले तेरह साल से शनि ग्रह की परिक्रमा लगाकर पृथ्वी पर जानकारियां भेजने वाला रोबोट अंतरिक्ष यान कैसिनी शुक्रवार को एक लाख 13 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ग्रह पर अंतिम गोता लगाएगा और जलकर राख हो जाएगा। इसके साथ कैसिनी का 20 साल लंबा सफर खत्म हो जाएगा।

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार यान शनि के दिन की तरफ वाले हिस्से में अंतिम गोता लगाएगा। इसके लिए इसे शनि के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन के वायुमंडल में भेजा जाएगा। कैसिनी ने अभियान के अंतिम चरण में शनि व उसके वलयों के बीच अप्रैल के अंत में पहला गोता लगाया था। इससे पहले कोई भी यान शनि ग्रह के इतना करीब नहीं गया। अनुमान है कि शनि के वायुमंडल में प्रवेश के चंद क्षणों बाद अमेरिकी समयानुसार शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे कैसिनी का धरती से संपर्क टूट जाएगा।

शनि के वायुमंडल में प्रवेश करते ही कैसिनी गैस की पतली परत के बीच अपने एंटीना को धरती की ओर सक्रिय बनाए रखने के लिए छोटे-छोटे विस्फोट करना शुरू करेगा। लेकिन जैसे ही गैस की परत मोटी होगी, यह अपनी शत-प्रतिशत क्षमता के साथ विस्फोट करेगा और एक मिनट के अंतराल में ही पृथ्वी से यान का संपर्क टूट जाएगा। इसके आखिरी ट्रांसमिशन ऑस्ट्रेलिया में नासा के एंटीना को मिलेंगे।

चार साल थी उम्र
कैसिनी का मिशन चार साल निर्धारित किया गया था, लेकिन यह बढि़या काम कर रहा था। इसे देखते हुए इसका मिशन दो बार बढ़ाया गया। नासा के मुताबिक, अंतरिक्ष यान को शनि के वातावरण में सुरक्षित रूप से नष्ट करने का फैसला किया गया, अन्यथा किसी भी दिन इसकी शनि के चंद्रमाओं से टक्कर हो सकती थी। अनुमानित वायुमंडल से करीब 1,915 किलोमीटर ऊपर की ऊंचाई पर पहुंचने के एक मिनट बाद कैसिनी के साथ संपर्क टूट जाएगा। अंतरिक्ष यान का अंतिम संकेत किसी प्रतिध्वनि के समान होगा और यह कैसिनी के स्वयं जाने के बाद समूची सौर प्रणाली में करीब डेढ़ घंटे के लिए प्रसारित होगा। कैसिनी के साथ भेजे गए 12 सूक्ष्म उपकरणों ने शनि व उसके सबसे बड़े उपग्रह टाइटन और शनि के वलयों पर बहुमूल्य जानकारी समेटी और पृथ्वी पर भेजी। इनकी मदद से वैज्ञानिक यह पता लगाने में कामयाब हो सके कि शनि ग्रह पर मौसम कैसे बदलता है, ग्रह पर भयंकर तूफान कैसे आते हैं आदि।

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