भारत में यातायात प्रदूषण पर रिपोर्ट पढ़ कर चौंक जाएंगे आप, साढ़े तीन लाख बच्चे इस बीमारी से पीड़ित
अमेरिका की जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि इसी तरह अमेरिका में 240000 इंडोनेशिया में 160000 और ब्राजील में 140000 बच्चे इससे प्रभावित हैं।
न्यूयॉर्क, आइएएनएस। भारत में यातायात से होने वाले प्रदूषण के कारण साढ़े तीन लाख भारतीय बच्चों को दमा (अस्थमा) हो गया है। लैनसेट स्टडी ने वर्ष 2015 के आंकड़ों पर 194 देशों का अध्ययन करके इस सूची में चीन के बाद भारत को दूसरे स्थान पर रखा है।
चीन में सबसे ज्यादा बीमारी
शोध में पाया गया है कि यातायात से होने वाले प्रदूषण से दमे की बीमारी बच्चों में सबसे अधिक चीन में पाई गई है। वहां सात लाख, साठ हजार बच्चे इससे प्रभावित हैं। इसकी वजह यह है कि चीन सबसे अधिक बच्चों की आबादी वाला दूसरा देश है।
चीन के बाद भारत का स्थान
साथ ही यहां की प्रदूषित हवा में सांद्र नाइट्रोजन डाईआक्साइड (एनओ2) की मात्रा सर्वाधिक यानी तीसरे स्थान पर है। चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर है, जहां बड़ी तादाद में रहने वाले बच्चे इससे प्रभावित हुए हैं। यहां 3,50,000 बच्चों को प्रदूषित हवा के चलते अस्थमा हुआ है।
सामने आई दुनिया भर के बच्चों की रिपोर्ट
अमेरिका की जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि इसी तरह अमेरिका में 2,40,000, इंडोनेशिया में 1,60,000 और ब्राजील में 1,40,000 बच्चे इससे प्रभावित हैं। इस यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर सुसन सी. अनेनबर्ग ने बताया कि हर साल प्रति एक लाख बच्चों में यातायात जनित अस्थमा के 170 नए मामले सामने आते हैं। इसीतरह बचपन में होने वाले अस्थमा में तेरह फीसद मामले हर साल सामने आते हैं। दक्षिण कोरिया में 31 फीसद मामले यातायात से होने वाले वायु प्रदूषण से दमा का हैैै।