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Cancer Test: अब हाइब्रिड सेंसर से कैंसर की सटीक पहचान, बचाई जा सकेंगी अधिक जानें

WHO के विशेषज्ञों के अनुसार करीब 30% नए कैंसर के मामलों को रोका जा सकता है वहीं रोग का जल्दी पता करके इतने ही मरीजों को ठीक किया जा सकता है। लैब आन ए चिप नामक एक सेंसर डिवाइस बनाई है जो जटिल जैव रासायनिक विश्लेषण करने में सक्षम है।

By TilakrajEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 09:59 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 09:59 AM (IST)
Cancer Test: अब हाइब्रिड सेंसर से कैंसर की सटीक पहचान, बचाई जा सकेंगी अधिक जानें
बीमारी की जल्द पहचान से उपचार होगा आसान, बचाई जा सकेंगी अधिक जानें

वाशिंगटन, एएनआइ। डाक्टरों और शोधकर्ताओं के लिए दशकों से कैंसर चिंता का कारण रहा है। लगातार शोध और दवाओं के विकास से मरीजों को बचाने में मदद जरूर मिली है, लेकिन फिर भी इनमें सुधार की गुंजाइश है। विज्ञानियों ने अब एक हाइब्रिड सेंसर तैयार किया है जो कैंसर की सटीक पहचान करने में सहायक होगा।

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एचएसइ यूनिवर्सिटी, स्कोल्टेक, एमपीजीयू और एमआइएसआइएस की टीम ने एक नैनोफोटोनिक-माइक्रोफ्लूइडिक सेंसर विकसित किया है, जिससे कैंसर का पता लगाना, उपचार और निगरानी का मूल्यांकन शामिल है। यह डिवाइस उच्चस्तर की सटीकता के साथ कम सांद्रता में घुलने वाली गैस व तरल पदार्थों की पहचान कर सकती है। यह अध्ययन आपटिक्स लेटर्स में प्रकाशित हुआ है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, साल 2020 में विश्वभर में कैंसर से एक करोड़ लोगों की मौत हो गई, जबकि दो करोड़ कैंसर के नए मामले सामने आए। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों के अनुसार, करीब 30 प्रतिशत नए कैंसर के मामलों को रोका जा सकता है, वहीं रोग का जल्दी पता करके इतने ही मरीजों को ठीक किया जा सकता है। विज्ञानियों ने लैब आन ए चिप नामक एक सेंसर डिवाइस बनाई है जो जटिल जैव रासायनिक विश्लेषण करने में सक्षम है। इसे प्रारंभिक कैंसर का पता लगाने का सबसे बेहतर तरीकों में एक माना जाता रहा है।

एक आदर्श पोर्टेबल उपकरण बनाना है लक्ष्य

एचएसइ एमआइइएम के प्रोफेसर ग्रेगरी गोल्ट्समैन कहते हैं कि हमारा अध्ययन एक कांपैक्ट लैब आन ए चिप बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह रक्त परीक्षणों का एक पूरा सेट तैयार करने में सक्षम है। साथ ही कैंसर का प्रारंभिक पता लगाने में भी सहायक है। हमारा लक्ष्य एक आदर्श पोर्टेबल उपकरण बनाना है, जिसमें रक्त की एक बूंद की जरूरत होगी। सिर्फ एक बटन दबाकर चिकित्सक यह बता सकेंगे कि परिणाम सामान्य है या अन्य परीक्षण की जरूरत है।

अल्कोहल पर किया गया परीक्षण

अब तक इस सेंसर का परीक्षण रक्त पर नहीं, बल्कि अल्कोहल पर किया गया। अल्कोहल पानी में अत्यधिक घुलनशील है। इसलिए बहुत कम सांद्रता का उपयोग करना संभव था। शोध टीम में शामिल एलेक्सी कुजीन बताते हैं कि भविष्य में हम रोगों के तेजी से परीक्षण के लिए एक कांपैक्ट और पोर्टेबल डिवाइस का उत्पादन करने की उम्मीद करते हैं, जो कैंसर का पता लगाने, निगरानी और उपचार करने में सहायक होगी।

रोगों के लक्षण समझने में होगी सहायक

विज्ञानियों के अनुसार, यह डिवाइस रोगों के लक्षण को समझने में काफी सहायक होगा। नैनोफोटोनिक आप्टिकल सेंसर के माध्यम से गैस व तरल पदार्थों को पंप किया जाता है। आप्टिकल रेडिएशन के बाद शोधकर्ता सैंपल पर मंथन करते हैं और अपनी राय देते हैं। इस डिवाइस की खास बात यह है कि इसके बहुत छोटे माइक्रोफ्लूइडिक चैनल है जो सेंसर को नमूने वितरित करते हैं। यह बहुत छोटे नमूनों से भी परिणाम प्राप्त करने को संभव बनाता है। विज्ञानी बताते हैं कि मानव रक्त में कुछ घटक होते हैं जो आन्कोलाजी रोगों के प्रारंभिक निदान में सहायक हो सकते हैं। इस तरह के घटक में एक्सट्रा सेल्यूलर वेसीकल्स होते हैं।


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