हृदय रोग का पता लगाने में रक्त जांच मददगार, जानें अध्ययन में सामने आई बातें
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी पत्रिका में छपे अध्ययन के अनुसार रक्त में उच्च स्तर पर एमिलॉइड बीटा का पाया जाना हृदय रोग का संकेत हो सकता है।
वॉशिंगटन, आइएएनएस। शोधकर्ताओं का कहना है कि सामान्य रक्त जांच से हृदय रोग के खतरे की पहचान करने मदद मिल सकती है। इससे समय रहते इस बीमारी की रोकथाम की जा सकती है।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी पत्रिका में छपे अध्ययन के अनुसार, रक्त में उच्च स्तर पर एमिलॉइड बीटा का पाया जाना हृदय रोग का संकेत हो सकता है। एमिलॉइड बीटा का संबंध भूलने की बीमारी अल्जाइमर से भी होता है। अब यह पाया गया है कि धमनियों के मोटा होने, हार्ट फेल होने और हृदय रोग में इसकी भूमिका हो सकती है। उन्होंने यह निष्कर्ष 6,600 से ज्यादा रोगियों के रक्त नमूनों के विश्लेषण के आधार पर निकाला है। ब्रिटेन की न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि इस शोध से एक ऐसी आसान रक्त जांच के विकास की राह खुल सकती है, जिसके इस्तेमाल से हृदय रोग से ज्यादा खतरे वाले लोगों की पहचान की जा सकती है।
हाई बीपी से जुड़े खास गट बैक्टीरिया की पहचान
एक भारतवंशी समेत शोधकर्ताओं के दल ने हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) से जुड़े एक खास गट (आंत) बैक्टीरिया की पहचान की है। इस बैक्टीरिया से पल्मोनेरी आर्टिरीअल हाइपरटेंशन (पीएएच) के खतरे का अनुमान लगाया जा सकता है। इस बीमारी में फेफड़ों तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियां संकरी हो जाती हैं। नतीजन सांस में तकलीफ और सीने में दबाव जैसे लक्षण सामने आते हैं।
हाइपरटेंशन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, हर व्यक्ति की आंत में कई तरह के बैक्टीरिया पाए जाते हैं। ये पाचन में मदद करते हैं। शोधकर्ताओं ने एक ऐसे खास बैक्टीरिया की पहचान की है, जिसकी मौजूदगी से पीएएच का 83 फीसद तक सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। अमेरिका की फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के भारतीय मूल के शोधकर्ता मोहन रायजादा ने कहा, 'हमने पहली बार यह साबित किया है कि आंत में खास बैक्टीरिया की मौजूदगी से पीएएच का पता लगाया जा सकता है।'