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खून में छिपा हो सकता है चिरयुवा होने का मंत्र, इस तरह पता लगाया

दूसरे के शरीर में पहुंचकर भी नहीं बदलती रक्तदाता की रक्त कोशिकाओं की उम्र, खुल सकता है हमेशा जवान रहने का राज।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 10:26 AM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 10:26 AM (IST)
खून में छिपा हो सकता है चिरयुवा होने का मंत्र, इस तरह पता लगाया
खून में छिपा हो सकता है चिरयुवा होने का मंत्र, इस तरह पता लगाया

वाशिंगटन, प्रेट्र। चिरयुवा बने रहना हमेशा से मनुष्य की इच्छा रही है। वैज्ञानिक भी लंबे समय से ऐसे रास्ते तलाश रहे हैं, जिनसे उम्र बढ़ाई जा सके और ज्यादा समय तक जीवित रहना संभव हो पाए। खानपान से लेकर व्यायाम तक हर बात का लक्ष्य मूलत: यही रहता है कि कैसे ज्यादा समय तक खुद को युवा और स्वस्थ रखा जाए। अमेरिका की केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अब खून की बूंदों में चिरयुवा रहने का मंत्र देखा है।

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वैज्ञानिकों ने पाया है कि मनुष्य के खून की कोशिकाओं में एक आंतरिक घड़ी होती है, जिसमें उनकी उम्र दर्ज रहती है। सर्वाधिक चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि रक्त कोशिकाओं की उम्र बाकी सभी परिस्थितियों से बेअसर रहती है। एसोसिएट प्रोफेसर शिगेमी मत्सुयामा ने कहा, ‘इस अध्ययन से चिरयुवा रहने का राज खुल सकता है। युवा रक्त कोशिकाएं बड़ी उम्र के लोगों के शरीर में पहुंचने के बाद भी युवा ही बनी रहती हैं। रक्तदान के बाद शरीर बदलने से भी इन कोशिकाओं की उम्र पहले जैसी रहती है और उसी गति से बढ़ती है।’

इस तरह पता लगाया

वैज्ञानिकों ने ऐसे लोगों पर अध्ययन किया, जिनमें उनकी उम्र से अलग किसी रक्तदाता का खून चढ़ाया गया था। युवा व्यक्ति का खून किसी प्रौढ़ को चढ़ाने और प्रौढ़ का खून किसी युवा को चढ़ाने, दोनों ही मामलों में रक्तदाता के खून की कोशिकाओं की उम्र रक्तदान के बाद भी नहीं बदली। उम्र में 49 साल तक का अंतर होने पर भी कोशिकाओं की इस खूबी पर कोई फर्क नहीं दिखा। रक्तदान के दो दशक बाद तक रक्तदाता के खून की कोशिकाओं के उम्र का अंतर स्पष्ट दिखता रहा।

शुरुआती स्तर पर है अध्ययन

रक्त कोशिकाओं की उम्र नहीं बदलने से जुड़ा यह अध्ययन अभी शुरुआती स्तर पर है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी यह दावा नहीं किया जा सकता है कि इन कोशिकाओं की मदद से किसी की उम्र को कम या ज्यादा करना संभव है। हालांकि इस जानकारी ने उम्मीद की नई किरण दिखाई है। कैंसर कोशिकाओं में उम्र की यह घड़ी काम नहीं करती। भविष्य में वैज्ञानिक इस रास्ते को अपनाते हुए कैंसर का इलाज खोजने की दिशा में भी शोध को अंजाम दे सकते हैं।


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