प्रोस्टेट कैंसर की पहचान करेगा बायोसेंसर
अमेरिका की टेक्सास यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जिंग योंग ये ने कहा, ‘मौजूदा प्रोस्टेट जांच में आमतौर पर इस रोग से पीड़ित होने की झूठी रिपोर्ट सामने आती है।
अमेरिका (प्रेट)। वैज्ञानिक एक नए तरह का बायोसेंसर विकसित कर रहे हैं। यह मूत्र के नमूने से प्रोस्टेट कैंसर की सटीक जांच कर सकता है। इससे कष्टदायक जांच प्रक्रियाओं से छुटकारा भी मिल सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, प्रोस्टेट कैंसर की प्रारंभिक अवस्था में पहचान से पीड़ितों की जिंदगी बचाई जा सकती है। अभी इस बीमारी की पहचान के लिए खून के नमूनों में प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटिजिन (पीएसए) पर गौर किया जाता है। उच्च स्तर पर पीएसए पाए जाने पर रोगी के प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित होने की आशंका रहती है।
इसकी पुष्टि के लिए प्रोस्टेट बायोप्सी की जरूरत पड़ती है। इस प्रक्रिया में काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इस जांच में आमतौर पर 70 फीसद रोगियों में कैंसर नहीं पाया जाता है। अमेरिका की टेक्सास यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जिंग योंग ये ने कहा, ‘मौजूदा प्रोस्टेट जांच में आमतौर पर इस रोग से पीड़ित होने की झूठी रिपोर्ट सामने आती है। विकसित हो रही नई जांच से इन परेशानियों से छुटकारा मिल सकेगा।’
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