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भारत के साथ होने वाली टू प्लस टू वार्ता कई मायनों में अहम: यूएस

सितंबर में होने वाले टू+टू द्विपक्षीय वार्ता के लिए अमेरिका ने उम्‍मीद जताई है कि यह कई मायनों में अहम है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 11:57 AM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 02:06 PM (IST)
भारत के साथ होने वाली टू प्लस टू वार्ता कई मायनों में अहम: यूएस
भारत के साथ होने वाली टू प्लस टू वार्ता कई मायनों में अहम: यूएस

वाशिंगटन (प्रेट्र)। भारत को हर क्षेत्र में अपना सहयोगी बताते हुए अमेरिका ने कहा कि देश के साथ आगामी टू प्लस टू वार्ता विभिन्न आयामों में सकारात्मक साबित होगी। बता दें कि इस वार्ता के दौरान रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के अलावा सुरक्षा और रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा की जाएगी। व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ सफल मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल इस वार्ता की घोषणा की थी।

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भारत और अमेरिका के बीच छह सितंबर को 2 प्लस 2 वार्ता होने वाली है। इसके लिए अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस और विदेश मंत्री माइक पोंपियो भारत आएंगे। भारत और अमेरिका के बीच यह पहली टू प्ल्स टू वार्ता है जिसे पहले छह जुलाई को होना था, हालांकि बाद में अमेरिका ने 'अपरिहार्य कारणों' से रद कर दिया था। इससे पहले यह वाशिंगटन में होना था जहां पर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को अपने अमेरिकी समकक्षों से मुलाकात करनी थी। अब यह अगले माह सितंबर में भारत में ही आयोजित की जाएगी।

दक्षिण एशिया मामलों की शीर्ष अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स ने इस वार्ता की जानकारी देते हुए बताया, ‘पोंपियो और मैटिस 6 सितंबर को होने वाली इस बैठक के लिए दिल्ली जा रहे हैं।’ वेल्स के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच होने वाली यह वार्ता कई मायनों में अहम है। वेल्स ने कहा, ‘यह वार्ता भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने की पहली सीढ़ी साबित होगी।‘ उन्‍होंने बताया कि वे 27-28 अगस्त को हनोई में इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित होने वाले कांफ्रेंस में हिस्सा लेने जा रही हैं।

उन्‍होंने कहा कि 2016 में भारत को अमेरिका द्वारा बड़ा रक्षा साझीदार घोषित किया गया था। ‘भारत और अमेरिका की साझीदारी मूल्यों में निहित है और हम दोनों देश एक दूसरे से लोकतांत्रिक मूल्य साझा करते हैं। इस द्विपक्षीय वार्ता में हम चर्चा करेंगे कि हम एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में भारत की स्‍थिति को कैसे कार्यान्‍वित करते हैं।

ट्रंप प्रशासन ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ 2008 में रक्षा सहयोग में शून्य डॉलर था जो आज 18 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत के साथ हमारे संबंध में एक बेहतर और नया फैक्ट यह है कि हम दोनों मिलकर तीसरे देश में काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्‍होंने उदाहरण देते हुए बताया कि भारत के साथ मिलकर अफ्रीका में शांति बनाए रखने व स्‍वास्‍थ्‍य संबंधित मुद्दों पर हम काम कर रहे हैं।


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