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US Election 2020: अमेरिका में अब सत्‍ता हस्‍तांतरण का सघंर्ष: बाइडन ने ट्रंप पर लगाए गंभीर आरोप, जानें पूरा मामला

अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव के तीन महीने बाद नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति विधि विधान से सत्‍ता ग्रहण करता है। इस अंतराल में नविनिर्वाचित राष्‍ट्रपति की टीम सभी मसलों की जानकारी साझा करता है लेकिन बाइडन ने ट्रंप पर आरोप लगाया है कि वह ऐसा नहीं कर रहे हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 08:51 AM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 08:01 AM (IST)
US Election 2020: अमेरिका में अब सत्‍ता हस्‍तांतरण का सघंर्ष: बाइडन ने ट्रंप पर लगाए गंभीर आरोप, जानें पूरा मामला
नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन और राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की फाइल फोटो।

वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने डोनाल्‍ड ट्रंप पर आरोप लगाया है कि वह राष्‍ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसलों की जानकारी साझा नहीं कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा है कि निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा कुछ प्रमुखों सुरक्षा विभागों के हस्तांतरण में बाधा खड़ी की जा रही है। ट्रंप का यह कदम सत्‍ता हस्‍तांतरण की दिशा में उनके असहयोगात्‍मक रवैये को दर्शाता है। खास बात यह है कि बाइडन का यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप प्रशासन ने सत्‍ता हस्‍तांतरण को मंजूदी दे दी है। बता दें अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव में डोनाल्‍ड ट्रंप चुनाव हार चुके हैं। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन 20 जनवरी को सत्‍ता ग्रहण करेंगे।

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सत्‍ता हस्‍तांतरण को लेकर क्‍या है अमेरिकी परंपरा

दरअसल, अमेरिका में परंपरा यह है कि राष्‍ट्रपति चुनाव के बाद पराजित राष्‍ट्रपति नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति के सत्‍ता हस्‍तांतरण में सहयोग करता है ताकि नए राष्‍ट्रपति को कार्यभार ग्रहण करने के बाद शासन के संचालन में दिक्‍कत न हो। इस क्रम में निर्वतमान राष्‍ट्रपति व्‍हाइट हाउस की सभी अहम जानकारियों को न‍वनिर्वाचित राष्‍ट्रपति की टीम के साथ साझा करता है। यही वजह है कि अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव के तीन महीने बाद नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति विधि विधान से सत्‍ता ग्रहण करता है, ताकि वह सभी अहम विषय उसके संज्ञान में हो। इस अंतराल में नविनिर्वाचित राष्‍ट्रपति की टीम को सभी मसलों की जानकारी साझा की जाती है, लेकिन बाइडन ने राष्‍ट्रपति ट्रंप पर आरोप लगाया है कि वह सुरक्षा से जुड़े मसलों की जानकारी साझा नहीं कर रहे है। यह एक तरह से उस परंपरा का उल्‍लंघन है, जिसका अब तक सभी राष्‍ट्रपति निर्वाह करते आए हैं और यह एक जरूरी विधान है। एक परंपरा है।

चीन की चुनौतियों से निपटने के लिए यह जानकारी जरूरी

बाइडन ने कहा कि अगले चार वर्षों तक अमेरिका व चीन के संबंधों के निर्धारण के लिए यह जानकारी काफी उपयोगी होगी। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रपति ट्रंप की ओर से हमारी टीम और नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति कमला हैरिस को राष्‍ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसलों की जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसके चलते हमारी टीम को विदेश नीति और राष्‍ट्रीय सुरक्षा को सेट करने में एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उन्‍होंने कहा कि देश के कूटनीतिक मोर्चे पर नई टीम को रणनीति बनाने के लिए यह जानकारी काफी अहम है।

चीन से निपटने की रणनीति पर दिया ध्‍यान

अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने अगले चार वर्षों के लिए अमेरिका-चीन संबंधों के लिए अपना फार्मूला तय करते हुए सोमवार को कहा कि वाशिंगटन को बीजिंग का सामना करने के लिए समान विचारधारा वाले देशों के गठबंधन का निर्माण करना जरूरी है। उन्‍होंने कह कि हम चीन के साथ अपने व्यापार दुर्व्यवहार, प्रौद्योगिकी, मानवाधिकारों और अन्य मोर्चों के लिए चीन की सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, जब हम समान विचारधारा वाले सहयोगियों और साझा हित और हमारे साझा मूल्यों के गठजोड़ का निर्माण करेंगे तो हमारी स्थिति और मजबूत होगी।

रूस और चीन से निपटने के लिए खुद को ताकतवर बनाना जरूरी

उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत दोनों देशों के बीच झिंजियांग में मानवाधिकार उल्लंघन, हांगकांग की विशेष स्थिति पर अतिक्रमण, बीजिंग द्वारा अनुचित व्यापार प्रथाओं का आरोप, महामारी के संबंध में पारदर्शिता की कमी और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में चीन की सैन्य आक्रामकता जैसे मुद्दों पर संबंध खराब हो गए थे। चीन और रूस के खिलाफ सुरक्षा चुनौतियों को पूरा करने के मुद्दे पर बाइडन ने कहा कि अमेरिका को खुद को सबसे मजबूत स्थिति में लाने के लिए सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपनी क्षमताओं के बीच के अंतर को खत्म करने की जरूरत है। इसके अलावा भविष्य में घुसपैठ के इन प्रकारों का बेहतर पता लगाने, बाधित करने और जवाब देने की जरूरत है।


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