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बड़ा उलटफेर: जो बाइडन ने कहा, रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों में शामिल हो गया उत्तर कोरिया

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर कोरिया ने रूस के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिबंधों का समर्थन किया है। बाइडन ने कहा कि क्या किसी ने सोचा मैंने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का आह्वान किया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 05:37 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 05:37 PM (IST)
बड़ा उलटफेर: जो बाइडन ने कहा, रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों में शामिल हो गया उत्तर कोरिया
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन नेकहा कि उत्तर कोरिया ने रूस के खिलाफ अमेरिका प्रतिबंधों का समर्थन किया है।

वाशिंगटन, एएनआई/स्पुतनिक। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर कोरिया ने रूस के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिबंधों का समर्थन किया है। बाइडन ने कहा कि क्या किसी ने सोचा, मैंने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का आह्वान किया। नाटो के अलावा ऑस्ट्रेलिया, जापान, उत्तर कोरिया, कुछ आसियान देश खड़े होंगे और उन प्रतिबंधों का समर्थन करेंगे।

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24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन में एक विशेष सैन्य अभियान शुरू किया, जब डोनेट्स्क और लुहान्स्क गणराज्यों ने यूक्रेनी सैनिकों द्वारा तीव्र हमलों से बचाव के लिए मदद का अनुरोध किया। संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लगाकर जवाब दिया। प्रतिबंधों ने आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान को बढ़ा दिया है और दुनिया भर में खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि हुई है।

उ. कोरिया पर प्रतिबंध के अमेरिकी प्रस्ताव का भारत ने किया समर्थन

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों को बढ़ाने के अमेरिका के प्रस्ताव का भारत ने समर्थन किया जबकि चीन और रूस ने प्रस्ताव को वीटो किया। अमेरिका यह प्रस्ताव उत्तर कोरिया द्वारा किए गए तीन मिसाइल परीक्षणों के विरोध में लाया था। उत्तर कोरिया ने ये परीक्षण हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के दक्षिण कोरिया और जापान के दौरे के बाद किए थे। सुरक्षा परिषद में अमेरिका की स्थायी सचिव लिंडा थामस-ग्रीनफील्ड ने कहा, उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है। हम उसे चेतावनी देने के लिए प्रतिबंधों को बढ़ाना और उन्हें मजबूती से लागू करना चाहते हैं। प्रस्ताव में कच्चे तेल से लेकर तंबाकू सहित कई उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की बात थी। लेकिन चीन और रूस के वीटो के कारण यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका।


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