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ताइवान और अफगानिस्‍तान पर बाइडन का क्‍या है बड़ा एजेंडा, जानें किसने कहा- यदि युद्ध लड़ना पड़ा तो लड़ेंगे

अमेरिका अफगानिस्तान में पूरी तरह शांति स्थापित करने पर विचार कर रहा है। राष्ट्रपति बाइडन इसके लिए योजना तैयार कर रहे हैं। साथ ही यह भी कहा है कि चीन की सैन्य गतिविधियों पर अमेरिका पूरी तरह से नजर रखे हुए है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 05:54 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 06:03 PM (IST)
ताइवान और अफगानिस्‍तान पर बाइडन का क्‍या है बड़ा एजेंडा, जानें किसने कहा- यदि युद्ध लड़ना पड़ा तो लड़ेंगे
ताइवान और अफगान संघर्ष समाप्ति पर बाइडन का बड़ा एजेंडा। फाइल फोटो।

वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका अफगानिस्तान में पूरी तरह शांति स्थापित करने पर विचार कर रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडन इसके लिए योजना तैयार कर रहे हैं। यह जानकारी व्हाइट हाउस ने दी है। साथ ही यह भी कहा है कि चीन की सैन्य गतिविधियों पर अमेरिका पूरी तरह से नजर रखे हुए है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन कोशिश कर रहे हैं कि अफगानिस्तान फिर कभी आतंकवादियों का अड्डा न बन पाए।

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मित्र देशों से लिया जाएगा सहयोग

अमेरिका और उसके सभी मित्र देश भी यही चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बाइडन चाहते हैं कि कि विश्व के सभी मित्र देशों के सहयोग से ऐसा निर्णय लिया जाए, जिसमें राष्ट्रीय हित सुरक्षित हों। साथ ही सेना की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो। इस दौरान तालिबान से भी राजनयिक समझौते पर वार्ता चलती रहेगी। एक अन्य प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय के मुख्य उप प्रवक्ता जालिना पोर्टर ने कहा कि अमेरिका के प्रमुख राजनयिक जालमे खलीलजाद वर्तमान में काबुल में हैं और वह अफगानिस्तान के नेताओं और जिम्मेदार नागरिकों से वार्ता कर रहे हैं, जिससे शांति वार्ता में और तेजी लाई जा सके। 

चीन की ताइवान के प्रति आक्रामकता चिंता का विषय

इधर चीन से संबंधों के बारे में व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका कोई जल्दबाजी में नहीं है और पूरे धैर्य के साथ स्थितियों पर नजर रखे हुए है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने रोज होने वाली प्रेस वार्ता में कहा कि हम सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि चीन की ताइवान के प्रति आक्रामकता चिंता का विषय है। इस क्षेत्र में निरंतर चीनी सैन्य गतिविधियां निरंतर अस्थिरता का माहौल पैदा कर रही हैं। हम इन स्थितियों को बड़े धैर्य से देख रहे हैं। ताइवान के निकट चीन के सैन्य अभ्यास पर भी अमेरिका की नजर है। पेंटागन पहले ही कह चुका है कि दक्षिण चीन सागर में चीनी सेना की आक्रामकता चिंताजनक है।

ताइवान ने कहा कि अंतिम द‍िन तक अपनी रक्षा करेंगे

गौरतौलब है कि ताइवान ने कहा है कि सोमवार को ताइवान की वायु रक्षा क्षेत्र में चीन ने 10 युद्धक विमान भेजे हैं। हमें यदि युद्ध लड़ना पड़ा तो लड़ेंगे और अंतिम दिन तक अपनी रक्षा करेंगे। अमेरिका ने कहा, यदि चीन उकसावे वाली गतिविधियों से बाज नहीं आता है तो उसे अपने सहयोगियों की मदद के लिए आगे आना होगा। पेंटागन ने कहा कि वह दक्षिण चीन सागर में चीन की सैन्य गतिविधियों को लेकर चिंतित है। अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ खड़ा है और हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।' पिछले सप्ताहांत में जब बीजिंग ने दो दर्जन से अधिक वार प्लेन से ताइवान पर हमला किया था तब से अमेरिका-चीन के बीच तनावों के मुद्दों में सबसे आगे ताइवान शामिल हो गया।


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