Move to Jagran APP

अमेरिका में निजाम बदलते ही इमीग्रेशन नीति में फेरबदल की कवायद, पाक-चीन के खिलाफ नीतियों में नहीं होगा बड़ा बदलाव

बाइडन प्रशासन ने स्‍पष्‍ट संकेत दिए हैं कि भारत के साथ उनके संबंध बेहतर रहेंगे। बाइडन प्रशासन में पाकिस्‍तान और चीन के साथ संबंधों में बहुत बदलाव नहीं आएगा। इसके साथ भारत समेत दुनिया की नजर बाइडन की इमीग्रेशन पॉलिसी पर भी होगी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 11:31 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 10:51 AM (IST)
अमेरिका में निजाम बदलते ही इमीग्रेशन नीति में फेरबदल की कवायद, पाक-चीन के खिलाफ नीतियों में नहीं होगा बड़ा बदलाव
संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका के 46वें राष्‍ट्रपति जो बाइडन की फाइल फोटो।

वाशिंगटन, जेएनएन। अमेरिका के नए राष्‍ट्रपति जो बाइडन पर स‍बकी निगाहें टिकी है। बाइडन प्रशासन ने स्‍पष्‍ट संकेत दिए हैं कि भारत के साथ उनके संबंध बेहतर रहेंगे। रक्षा सहयोग की दिशा में दोनों देशों के संबंध और मधुर होंगे। इसके साथ भारत समेत दुनिया की नजर बाइडन की इमीग्रेशन पॉलिसी पर भी होगी। ऐसा इसलिए भी कि चुनाव प्रचार के दौरान बाइडन ने ट्रंप की इस नीति का जमकर मजाक उड़ाया था। इसके अलावा बाइडन प्रशासन में चीन और पाकिस्‍तान को बहुत राहत नहीं मिलने वाली है।राष्ट्रपति जो बाइडन की तरफ से नामित अमेरिका के नए रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने संकेत दिए हैं। ऐसे में यह उम्‍मीद की जा रही है कि बाइडन इस नीति में बदलाव करेंगे। आखिर बाइडन प्रशासन में इस नीति में किस तरह का बदलाव आएगा।

loksabha election banner

हिंद महासागर समेत पाक और अफगानिस्‍ता पर क्‍या होगी नीति

  • ऑस्टिन ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि भारत, जापान और आस्ट्रेलिया के साथ मिल कर अमेरिका ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य सहयोग की जो शुरुआत की है उससे जुड़ी गतिविधियां और तेज होंगी। पाकिस्तान को लेकर ऑस्टिन ने अमेरिका की मौजूदा नीतियों में किसी बड़े बदलाव का कोई संकेत नहीं दिया, लेकिन यह निश्चित तौर पर कहा कि कुछ चयनित क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना के साथ अमेरिकी सेना के सहयोग को बढ़ाया जाएगा।
  • अमेरिका के रक्षा संबंधों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में ऑस्टिन ने कहा कि, मोटे तौर पर भारत के साथ रक्षा संबंधों को और मजबूत किया जाएगा। भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार के दर्जे को और मजबूत किया जाएगा। दोनों देशों के मौजूदा रक्षा साझेदारी को लेकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके साथ साझा हितों के संदर्भ में और सहयोग किया जाए।
  • अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिहाज से यह जरूरी होगा। उन्होंने यह भी माना कि अल-कायदा और आइएस जैसे आतंकी संगठनों के खात्मे के लिए भी पाकिस्तान की अहम भूमिका होगी। साथ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिकी प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के नहीं किया जाए।

अमेरिका की इमीग्रेशन पॉलिसी में होगा बदलाव

  • बाइडन के कार्यकाल में यह उम्‍मीद की जा रही है कि वे अमेरिका की इमीग्रेशन पॉलिसी  (Immigration Policy) में बदलाव लाएंगे। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप अपने इमीग्रेशन पॉलिसी के कारण चर्चित थे। राष्‍ट्रपति चुनाव के समय  बाइडन ने ट्रंप की इस नीति का विरोध किया था। बाइडन ने इमीग्रेशन पॉलिसी को कई नामों से पुकारा था। बाइडन ने इसे बेरहम पॉलिसी कहा तो कभी इसे राष्‍ट्रीय शर्म का विषय बताया। वह इसे ट्रंप की नैतिक विफलता भी कहते थे। अब जब अमेरिका में बाइडन की सत्‍ता होगी तो उम्‍मीद की जा रही है कि इस नीति में बदलाव आएगा।
  • यह उम्‍मीद की जा रही है कि बाइडन प्रशासन अस्‍थायी वीजा प्रणाली में सुधार किया जाएगा। बाइडन के अनुसार इन डिमांड व्‍यवसायों के लिए अमेरिका में पहले से काम कर रहे श्रमिकों को हतोत्‍साह‍ित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। बाइडन प्रशासन से यह उम्‍मीद बंधी है कि  अमेरिका में हाई स्किल्‍ड वीजा की संख्‍या बढ़ाने और देश में रोजगार आधारित वीजा की लिमिट को खत्‍म करने के लिए आगे आएगा।
  • बाइडन ने चुनाव प्रचार के दौरान यह प्रण किया था कि यदि वे राष्‍ट्रपति चुने गए तो प्रवासी सुरक्षा प्रोटोकॉल पॉलिसी को खत्‍म करेंगे। शरणार्थियों पर हो रहे अत्‍याचार को खत्‍म करेंगे। इसके चलते लोग सुरक्षित रूप से घर नहीं लौट सकते। मौजूदा समय में अमेरिका में शरण लेने से नीति के तहत हर दिन गिनती के ही आवेदन स्‍वीकार किए जाते हैं। इस कारण अमेरिका में शरण लेने के इच्‍छुक लोगों को कई दिन मैक्सिकन बार्डर से सटे शहरों पर इंतजार करना पड़ता है। 
  • बाइडन के घोषणापत्र में इमीग्रेशन से जुड़े कई बदलावों का जिक्र किया गया है। उन्‍होंने गैर अमेरीकियों की यात्रा और शरणार्थियों पर लगे प्रतिबंध को रद करने की बात कही गई है। बाइडन ने घोषणा पत्र में लिखा है कि मुसलमानों को देश में प्रवेश करने से रोकना नैतिक रूप से गलत है। उन्‍होंने कहा कि हमारे पास ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे यह साबित हो सके कि उनके आने से हमारा राष्‍ट्र अधिक असुरक्षित है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.