प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी अटर्नी रवि बत्रा ने जीती कोरोना से जंग
पिछले साल नवंबर-दिसंबर में चीन के बंदरगाह शहर वुहान से ही इस महामारी की शुरुआत हुई थी जो चंद दिनों में पूरी दुनिया में फैल चुका है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। कोविड-19 के संक्रमण से ठीक हो चुके प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी अटर्नी रवि बत्रा का कहना है कि चीन को इस संक्रामक वायरस की 'संपूर्ण सच्चाई' दुनिया के सामने रखनी चाहिए। ताकि वैज्ञानिक और डॉक्टर नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज ढूंढ सकें। उन्होंने कहा कि जब तक इस वैश्विक महामारी का वैक्सीन तैयार नहीं हो जाता, सभी लोगों को अपने घरों की चारदीवारी में ही रहना होगा।
चीन महामारी से जुड़ी सच्चाई को सामने रखे, ताकि वैज्ञानिक बचाव के लिए वैक्सीन तैयार कर सकें
न्यूयार्क में बसे अटर्नी रवि बत्रा ने सोमवार को कहा कि इस बेहद संक्रामक कोरोना वायरस के चंगुल से मानवता सुरक्षित बाहर निकल आए। वह चाहते हैं कि चीन अब इस महामारी से जुड़ी हर सच्चाई को दुनिया के सामने रखे। ताकि विभिन्न देशों के वैज्ञानिक और डॉक्टर इससे बचाव के लिए वैक्सीन तैयार कर सकें। बत्ता ने कहा कि केवल अमेरिकी हीरो डॉ. एंथनी फौसी ही इस विकराल बीमारी के इलाज के लिए बीमारी के संबंध में उपलब्ध सार्वजनिक सूचनाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकते। बल्कि सभी देशों के वैज्ञानिकों और चिकित्सकों को इस दिशा में अपना योगदान देना है।
जब तक वैक्सीन नहीं बन जाती, कोई भी बाहर काम पर या स्कूल नहीं जा सकता
जल्द से जल्द एक वैक्सीन तैयार करने की जरूरत है। जब तक वैक्सीन नहीं बन जाती, कोई भी बाहर काम पर या स्कूल नहीं जा सकता। अर्थव्यवस्था राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर पूरी तरह से खत्म हो गई है। अब यह वापस नहीं आने वाली है। पिछले हफ्ते ही बत्रा की ट्विटर पर चीन के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत झांग जुन से भी बहस हो गई थी।
वुहान से निकली यह महामारी अब पूरी दुनिया में फैल चुकी है
ध्यान रहे कि पिछले साल नवंबर-दिसंबर में चीन के बंदरगाह शहर वुहान से ही इस महामारी की शुरुआत हुई थी जो चंद दिनों में पूरी दुनिया में फैल चुका है, लेकिन अब अमेरिका में न्यूयार्क कोरोना के संक्रमण का मुख्य केंद्र बन चुका है।