अमेरिकी वैज्ञानिकों ने की सबसे पुरानी आकाशगंगाओं की पहचान
एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित इस खोज के मुताबिक, सेगुए-1, बूट्स आइ, तुकाना आइआइ और मेजर आइ समेत कुछ आकाशगंगाएं सबसे पुरानी आकाशगंगाओं में शामिल हैं।
बोस्टन [प्रेट्र]। ब्रह्मांड अनंत रहस्यों से भरा पड़ा है। खगोलविद इसके रहस्यों को सुलझाने में निरंतर प्रयासरत रहते हैं। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों के हाथ एक बड़ी सफलता लगी है। उन्होंने कुछ सबसे पुरानी आकाशगंगाओं की पहचान की है। इस खोज में भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक भी शामिल हैं। एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित इस खोज के मुताबिक, सेगुए-1, बूट्स आइ, तुकाना आइआइ और मेजर आइ समेत कुछ आकाशगंगाएं सबसे पुरानी आकाशगंगाओं में शामिल हैं। अनुमान है कि ये 13 अरब वर्ष से भी पहले बनी थीं।
अमेरिका स्थित हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स में रिसर्च फेलो सोनाक बोस कहते हैं, एक दशक पहले मिल्की वे के आस-पास की धुंधली आकाशगंगाएं रडार से बाहर चली गई थीं। आकाशगंगाओं की गणना के लिए संवेदनशीलता बढ़ाने पर सबसे छोटी आकाशगंगाओं का एक पूरा समूह सामने आ गया, जिसने हमें उनकी जांच का मौका दिया। इनकी जांच के आधार पर वैज्ञानिकों को इस बात के सुबूत मिले हैं कि हमारी मिल्की वे की परिक्रमा कर रही सबसे धुंधली आकाशगंगा हमारे ब्रह्मांड में बनी सबसे पुरानी आकाशगंगाओं में से एक है।
खोज से उत्साहित हैं वैज्ञानिक
वैज्ञानिक इस खोज से बेहद उत्साहित हैं और इसे रोमांचक खोज बता रहे हैं। उनका कहना है कि मिल्की वे की परिक्रमा कर रही ब्रह्मांड की सबसे पुरानी आकाशगंगाओं की पहचान धरती पर रहने वाले शुरुआती मानवों के अवशेष ढूंढ़ने के समान है।
इस तरह हुआ आकाशगंगाओं का निर्माण
वैज्ञानिकों के मुताबिक, तीन लाख 80 हजार वर्ष पूर्व ब्रह्मांड में सबसे पहला परमाणु बना था। यह हाइड्रोजन था, जो हमारी आवर्त सारणी में सबसे सरल तत्व है। ये परमाणु बादलों में एकत्र हुए और धीरे-धीरे ठंडे होने लगे। इसके बाद बिग बैंग से उभरे डार्क मैटर के छोटे समूहों में बस गए। करीब 10 करोड़ वर्ष तक चले कॉस्मिक अंधकार युग के बाद इस शीतलन चरण की शुरुआत हुई।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, ठंडी हुई इन गैसों ने अस्थिर होकर तारों की रचना आरंभ की। ये ही शुरुआती आकाशगंगाएं थीं। शुरुआती आकाशगंगाओं के निर्माण के बाद ब्रह्मांड में प्रकाश उत्पन्न हुआ और कॉस्मिक अंधकार युग का अंत हुआ।
इनकी हुई पहचान
वैज्ञानिकों ने मिल्की वे की परिक्रमा कर रहीं आकाशगंगाओं के दो समूहों की पहचान की। पहला धुंधला समूह कॉस्मिक अंधकार युग में बना था। वहीं, दूसरे समूह का निर्माण ब्रह्मांड में प्रकाश आने के काफी समय बाद हुआ था।
यह मिलेगी मदद
ब्रिटेन स्थित डरहम यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर, कार्लोस फ्रेंक कहते हैं, यह खोज बेहद महत्वपूर्ण है। यह ब्रह्मांड के हमारे वर्तमान मॉडल का समर्थन करती है। इसके जरिये हम ब्रह्मांड से जुड़े कई रहस्यों, जैसे अन्य ग्रहों की उत्पत्ति, उत्पत्ति का तरीका आदि का पता लगाया जा सकेगा।