ई-सिगरेट भी सेहत के लिए हानिकारक, 27 फीसद उत्पादों में माइक्रोबियल एजेंट, फेफड़े को खतरा
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि ई-सिगरेट में भी अस्थमा समेत ऐसी बीमारियों के कारक हो सकते हैं जिनसे फेफड़े को खतरा होता है।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 09:40 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 09:40 PM (IST)
न्यूयॉर्क, आइएएनएस। आमतौर पर धूमपान के विकल्प के रूप में पेश की जाने वाली ई-सिगरेट भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। एक शोध के मुताबिक, ई-सिगरेट में भी अस्थमा समेत ऐसी बीमारियों के कारक हो सकते हैं, जिनसे फेफड़े को खतरा होता है।
अध्ययन में अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ई-सिगरेट के 75 लोकप्रिय उत्पादों को शामिल किया। इनमें एक बार प्रयोग होने वाले और रीफिल किए जा सकने वाले उत्पाद शामिल थे। अध्ययन में 27 फीसद उत्पादों में एंडोटॉक्सिन पाया गया। यह एक माइक्रोबियल एजेंट है, जो ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया पर पाया जाता ह। वहीं 81 फीसद उत्पादों में ग्लूकन के कण पाए गए। ग्लूकन अधिकतर फंगस की कोशिकाओं की दीवारों पर मिलता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, ई-सिगरेट उत्पादों में इन तत्वों की उपस्थिति यह बताने की लिए पर्याप्त है कि इनके कारण भी अस्थमा और फेफड़े की अन्य बीमारियां हो सकती हैं।
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