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अब मकड़ी के जाले से तैयार की जा सकेंगी रोबोटिक मांसपेशियां, ये होगा लाभ

एमआइटी के प्रोफेसर मार्कस बुहलर ने बताया कि मकड़ी के जाले का यह गुण रोबोटिक्स कम्युनिटी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 04 Mar 2019 10:25 AM (IST)Updated: Mon, 04 Mar 2019 10:25 AM (IST)
अब मकड़ी के जाले से तैयार की जा सकेंगी रोबोटिक मांसपेशियां, ये होगा लाभ
अब मकड़ी के जाले से तैयार की जा सकेंगी रोबोटिक मांसपेशियां, ये होगा लाभ

बोस्टन, प्रेट्र। मकड़ी के जाले की मजबूती का पता वैज्ञानिक पहले ही लगा चुके हैं। अब वैज्ञानिकों ने इसके एक और गुण का पता लगाया है, जिसकी मदद से रोबोटिक मांसपेशियों को तैयार करने में मदद मिल सकेगी। वैज्ञानिकों ने बताया कि मकड़ी का रेशा अपने वजन के अनुरूप सबसे मजबूत सामग्रियों में से एक है। इससे आर्टिफिशियल मांसपेशियां या रोबोटिक मांसपेशियां तैयार की जा सकती हैं।

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अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के शोधकर्ताओं के बताया कि नमी में बदलाव का असर मकड़ी के रेशे पर बहुत तेजी से पड़ता है। उन्होंने बताया कि हवा में सापेक्ष आर्द्रता के एक निश्चित स्तर से ऊपर होने पर इस जाल के अलग-अलग रेशे आपस में मिलकर गुथ जाते हैं और इससे वे और अधिक मजबूत बन जाते हैं। इस तरह ये बिल्कुल प्रवर्तक का रूप ले लेते हैं। प्रवर्तक ऐसा यंत्र होता है जो किसी भी मशीन को गति देने के लिए प्रयोग किया जाता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्हें हाल ही में मकड़ी के रेशे के इस नए गुण का पता चला है, जिसे सुपरकंट्रेक्शन नाम दिया गया है। वातावरण में नमी में बदलाव होने पर यह रेशे अचानक सिकुड़ जाते हैं। साइंस एडवांसेज नामक जर्नल में इस अध्ययन के बारे में विस्तार से प्रकाशित किया गया है। इसमें बताया गया है कि नमी में बदलाव होने पर मकड़ी के रेशे आपस में सिर्फ जुड़ते ही नहीं हैं बल्कि एक दूसरे पर घूमकर गुथ जाते हैं। इससे कि एक मजबूत मरोड़ बल (टार्सिनल फोर्स) मिलता है।

चीन की हुआजांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डाबिओ लियू ने बताया कि उन्हें मकड़ी के रेशे के इस गुण का पता अचानक ही चला। उन्होंने बताया कि वह और उनके साथी मकड़ी के रेशे पर नमी के प्रभावों का अध्ययन कर रहे थे। उन्होंने मकड़ी के जाले का एक पेंडुलम बनाया और उसे एक ऐसे कक्ष में रख दिया, जहां पर वे सापेक्ष आर्द्रता को नियंत्रित रख सकते थे। अंदर कक्ष में जैसे ही उन्होंने आर्द्रता बढ़ाई पेंडुलम अपने आप ही गति करने लगा। इसकी उन्होंने उम्मीद भी नहीं की थी। इसके बाद कई अन्य सामग्रियों जैसे इंसानों के बाल आदि को मकड़ी के जाले की जगह पर चेक किया गया, लेकिन उस तरह की गतिविधि कहीं नहीं दिखी।

ये होगा लाभ

एमआइटी के प्रोफेसर मार्कस बुहलर ने बताया कि मकड़ी के जाले का यह गुण रोबोटिक्स कम्युनिटी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। कुछ प्रकार के सेंसर और कंट्रोल डिवाइसों को कंट्रोल करने का यह सबसे अच्छा तरीका है।


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