गुतेरस का संयुक्त राष्ट्र का दोबारा महासचिव बनना तय, सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव किया मंजूर
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस(UN Secretary General Antonio Guterres) के 18 जून को दोबारा इसके प्रमुख चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है। सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव किया मंजूर। 31 दिसंबर 2026 तक उनका कार्यकाल रहेगा।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस के 18 जून को दोबारा इस विश्व निकाय के प्रमुख बनने का रास्ता साफ हो गया है। शक्तिशाली सुरक्षा परिषद के लगातार दूसरी बार पांच साल के लिए महासचिव बनाने का प्रस्ताव निर्विरोध रूप से मंजूर हो गया है। उनका दूसरा कार्यकाल एक जनवरी, 2022 से शुरू होना है। भारत ने यह प्रस्ताव पारित होने पर खुशी जाहिर की है। 15 देशों की सुरक्षा परिषद ने मंगलवार को एक बैठक करके 193 सदस्यीय महासभा के लिए दूसरी बार गुतेरस को महासचिव बनाए जाने की सिफारिश को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है।
संयुक्त राष्ट्र में एस्टोनिया के राजदूत और जून महीने में परिषद के अध्यक्ष वेन जर्गुसन ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि सुरक्षा परिषद ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रमुख के पद के लिए 72 वर्षीय गुतेरस के नाम की सिफारिश की है। गुतेरस का नया कार्यकाल एक जनवरी, 2022 से शुरू होकर 31 दिसंबर, 2026 तक चलेगा। इस फैसले के बाद गुतेरस ने भी खुशी जताते हुए कहा कि वह बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं। वह उनमें दोबारा विश्वास जताने के लिए सुरक्षा परिषद के सदस्यों के बेहद आभारी हैं। वहीं, जर्गुसन ने कहा कि गुतेरस के महासभा में पुनर्निर्वाचन के लिए मतदान 18 जून को होगा। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस त्रिमूर्ति ने ट्वीट करके कहा, 'भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को अंगीकार करने का समर्थन करता है।'
संयुक्त राष्ट्र में भारत को अहम जगह, ईसीओएसओसी में दो साल का कार्यकाल
भारत संयुक्त राष्ट्र के अहम अंग इकनामिक एंड सोशल काउंसिल (ईसीओएसओसी) में चुना गया है। ये संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख हिस्सों में से एक है। भारत साल 2022 से 2024 तक के लिए चुना गया है। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत टीएस त्रिमूíत ने इसमें चुने जाने के लिए सभी को धन्यवाद कहा। इकनामिक एंड सोशल काउंसिल में 54 सदस्य हैं। इनमें से भारत भी एक है। टीएस त्रिमूíत ने भारत के पक्ष में वोट करने वाले सभी देशों को धन्यवाद कहा।