संयुक्त राष्ट्र नहीं करेगा ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगाने का समर्थन, अकेला पड़ा अमेरिका
अमेरिका ने ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को दोबारा बहाल कर दिया है। हालांकि उसके इस कदम को विश्व के अधिकतर देशों ने खारिज कर दिया है। इस कदम को विश्व के अधिकतर देशों ने खारिज कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र, एपी। सुरक्षा परिषद से हरी झंडी मिलने तक ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र कोई मदद नहीं कर पाएगा। महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने सुरक्षा परिषद को लिखे पत्र में कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में 'स्नैपबैक' का इस्तेमाल किया है या नहीं, इस पर फिलहाल स्थिति साफ नहीं है। ट्रंप प्रशासन ने शनिवार को घोषणा की थी कि ईरान के खिलाफ सभी प्रतिबंध बहाल कर दिए गए हैं। उसके इस कदम को विश्व के अधिकतर देशों ने खारिज कर दिया है।
अमेरिका की इस घोषणा से सोमवार से शुरू हो रही संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक उच्चस्तरीय बैठक में विवाद खड़ा हो सकता है। कोरोना के चलते इस साल यह बैठक ऑनलाइन आयोजित की जा रही है। अमेरिका की ओर से यह घोषणा पोंपियो के परिषद 'स्नैपबैक' का इस्तेमाल करने की जानकारी देने के करीब 30 दिन बाद की गई है। 'स्नैपबैक' का मतलब यह है कि परमाणु करार के तहत दी गई ढील या हटा ली गई पाबंदियों को संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा दोबारा लगाया जा सकता हैं।
संयुक्त राष्ट्र के 75वें सत्र के दौरान अमेरिका ने ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को दोबारा बहाल करने की ऐलान किया था। हालांकि उसके इस कदम को विश्व के अधिकतर देशों ने खारिज कर दिया है। चीन और रूस तो उसके खिलाफ हैं ही, मित्र देश ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी भी विरोध में खड़े हो गए हैं। ईरानी हसन रुहानी ने कहा है कि इस मामले में अमेरिका मुंह की खाएगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि अमेरिका के इस फैसले से दुनिया ज्यादा सुरक्षित होगी। व्हाइट हाउस सोमवार को एक कार्यकारी आदेश जारी कर सकता है। इससे यह पता चलेगा कि प्रतिबंधों को कैसे बहाल किया जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों से कैसे निपटा जाएगा। पोंपियो ने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से इसका पालन करने का आग्रह किया है। इससे पहले ईरान के संदर्भ में अमेरिका ने कहा था कि वह आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश को किसी भी तरह के पारंपरिक हथियार खरीदने या बेचने नहीं देगा।