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Coronavirus महामारी के बीच बेरोजगारी और नस्लीय तनाव से जूझ रहा अमेरिका

अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी से एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इस महमारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था को काफी चोट पहुंची है। इसी बीच यहां नस्लीय तनाव बढ़ गया है।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 09:56 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 09:56 AM (IST)
Coronavirus महामारी के बीच बेरोजगारी और नस्लीय तनाव से जूझ रहा अमेरिका
Coronavirus महामारी के बीच बेरोजगारी और नस्लीय तनाव से जूझ रहा अमेरिका

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका में कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी से एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इस महमारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था को काफी चोट पहुंची है। लगभग 40 मिलियन लोग बेरोगार हो गए हैं। इसी बीच देश एक अन्य संकट में फंसता दिख रहा है। मिनियापोलिस में पिछले पुलिस हिरासत में एक अश्वेत व्यक्ति की मौत के बाद हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला है। वाशिंगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।

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घटना को लेकर लोगों का गुस्सा कई दिनों के लिए उबल रहा था, लेकिन अब यह हिंसक प्रदर्शन अमेरिका के सभी शहरों में तेजी से बढ़ रहा है। इसे रोकना मुश्किल प्रतित हो रहा है, क्योंकि प्रदर्शनकारी एक विशेष उपाय नहीं बल्कि अमेरिका की संपूर्ण आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव की मांग कर रहे हैं। अटलांटा में एक भीड़ ने सीएनएन के मुख्यालय पर भी हमला किया।

एक राजनीतिक कार्यकर्ता और शिकागो में इलिनोइस विश्वविद्यालय की एक इतिहासकार बारबरा रैंस्बी ने मीडिया को बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप ने लंबे समय से चली आ रही नस्लीय असमानताओं को नया रूप दिया। फिर, पुलिस की हिंसा की छवियों ने इसे और विकृत बना दिया। लोग हर तरह की चीजों के बारे में सोच रहे हैं। 

ओबामा ने कहा- नस्लीय भेदभाव किया जाना दुखद

पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक बयान में कहा, "महामारी और आर्थिक संकट से जूझते वक्त सामान्य जीवन लौटने की इच्छा लाजमी है। लेकिन हमें यह याद रखना होगा कि लाखों अमेरिकियों के साथ नस्लीय भेदभाव किया जाना दुखद है।

क्या है मामला

पुलिस हिरासत में 41 वर्षीय अश्वेत व्यक्ति की मौत के बाद इस घटना को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ। इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर आ गए। प्रदर्शनकारियों द्वारा मिनियापोलिस पुलिस स्टेशन को आग के हवाले कर दिया गया। कोलोराडो में, स्टेटहाउस के पास गोलीबारी हुई। लुइसविले में एक विरोध प्रदर्शन में, सात लोगों को गोली मार दी गई। दोषी श्वेत अधिकारी डेरेक चाउविन को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पर हत्या का आरोप लगाया गया है। साथ ही  घटनास्थल पर मौजूद तीन अन्य अधिकारियों को भी बर्खास्त कर दिया गया। दोषी पाए जाने पर चाउविन को 12 साल से अधिक जेल की सजा हो सकती है। 


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