वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उदय का समर्थन करना अमेरिका की रणनीति, दोनों देशों के बीच साझेदारी महत्वपूर्ण
अमेरिका ने कहा है कि उसका रणनीतिक हित वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उदय का समर्थन करना है। अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत की साझेदारी बेहद जरूरी है। फोटो- एएनआई।
वाशिंगटन, एएनआई। अमेरिका ने कहा है कि उसका रणनीतिक हित वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उदय का समर्थन करना है। अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत की साझेदारी बेहद जरूरी है। महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर अमेरिका-भारत पहल (आईसीईटी) के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी के अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों को इस रणनीतिक पहल की अगुवाई करने और साझेदारी का विस्तार करने के निर्देश का यह परिणाम है।
भारत के उदय का समर्थन हमारे रणनीतिक हित में- अमेरिकी अधिकारी
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि भारत और अमेरिका का यह साझेदारी बहुत जरूरी है। बाइडन दुनिया के सामने मौजूद किसी भी बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "पीएम मोदी ने टोक्यो में वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए विश्वास की साझेदारी को एक ताकत बताया। अमेरिका वास्तव में विचार करता है कि यह एक वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उदय का समर्थन करने के लिए हमारे रणनीतिक हित में है। क्वाड के बाद और भारत के जी-20 के अध्यक्ष के रूप में हम इसे देखते हैं।"
अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार से मिले अजीत डोभाल
मालूम हो कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सोमवार को अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन से मुलाकात की। इस दौरान सुलिवन ने कहा कि भारत के साथ सामरिक तकनीकी साझेदारी को अमेरिका गति देगा। वैश्विक विकास और आर्थिक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने तथा साझा राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा करने वाली प्रौद्योगिकियों पर साझेदारी को मजबूत करने की जरूरत है। इससे पूर्व एनएसए डोभाल ने अमेरिका के ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्क मिले के साथ विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण चर्चा की।
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