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IS के लिए काम करती थी ये अमेरिकी महिला, इस तरह लोगों को संगठन में करती थी शामिल

एक अमेरिकी महिला ने कबूल किया की वह इस्लामिक स्टेट के लिए काम करती थी। अब वह कोर्ट से उदारता की मांग कर रही है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 11:41 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 11:41 AM (IST)
IS के लिए काम करती थी ये अमेरिकी महिला, इस तरह लोगों को संगठन में करती थी शामिल
IS के लिए काम करती थी ये अमेरिकी महिला, इस तरह लोगों को संगठन में करती थी शामिल

वॉशिंगटन,एजेंसी। एक अमेरिकी महिला (america)  ने कबूल किया कि वह इस्लामिक स्टेट (IS) की ऑनलाइन प्रक्रिया में भर्ती की भागीदार है। फिलहाल कोर्ट में महिला के खिलाफ मामला चल रहा है। अब इस महिला ने अभियोजन पक्ष की आपत्तियों पर आतंकवाद के मामले में उदारती की मांग की है। दरअसल, अभियोजक पक्ष ने आरोप लगाया था कि वह उन्हें डबल क्रास कर रही है।  

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अभियोजक पक्ष चाहता है कि महिला को कम से कम दो साल की सजा हो और उसे पूरी जिंदगी निगरानी में रखा जाए। उन्होंने कहा कि महिला गुप्त तरीके से इस्लामिक स्टेट संपर्कों के साथ मिलकर एक सहयोगी के रूप में हस्ताक्षर करने के बाद फिर शामिल होने की कोशिश की। अमेरिकी जिला जज जैक वेनस्टीन ने कहा कि वह अभी भी एक आतंकवादी खतरा है। जो सालखों के पीछे कम से कम 30 साल की कड़ी सजा की हकदार है। सरकार ने कोर्ट के कागजात पर लिखा कि  24 वर्षीय Caesar आतंकवादी समूह के लिए एक प्रतिबद्ध भर्तीकर्ता (Online recruiter) है, जोकि अमेरिका में आईएसआईएस समर्थकों को आईएसआईएस  से जोड़ता थी। 

सुनवाई में, सहायक अमेरिकी अटॉर्नी जोश हफेट ने कहा कि मध्य पूर्व में पुष्टि हुई है कि आईएसआईएस के दो ऑपरेटिव शामिल थे, जिन्हे एयर स्ट्राइक में मार गिराया गया। सहायक वकील ने कहा कि हमें महिला को अधिक सहायता देनी चाहिए। फिलहाल, कोर्ट ने सुनवाई को बुधवार तक के लिए स्थागित कर दिया है। सुनवाई से पहले Caeser  के बारे में कोई नहीं जानता था क्योंकि तब तक यह मामला बड़े पैमाने नहीं था। सहायक वकील ने न्यू जर्सी में जन्मी आरोपी महिला के बारे में कहा कि वह हाई स्कूल ड्रॉपआउट है जिसके पिता ने उसका यौन शोषण किया और अभी भी गंभीर आघात से पीड़ित है।

 वह 2016 में ब्रुकलिन में रह रही थी, जब वह चरमपंथी प्रचार द्वारा कट्टरपंथी बन गई और आईएस के अन्य समर्थकों के साथ "उम्म नुटेला" के रूप में बातचीत करना शुरू कर दिया, जो कि सोशल मीडिया पोस्टों में उसने जल्द ही हिंसक जिहाद फेसबुक पोस्ट की वकालत करना शुरू कर दिया। अभियोजकों ने कहा कि फरवरी 2016 में उन्होंने एक अरबी में लिखा कि, "चलो चलते हैं। चलो सैनिकों की तरह चलते हैं।"

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