American Election: नतीजों का नहीं पड़ेगा भारत-अमेरिका के संबंधों पर असर
American Election प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार और दस्तावेजों से मिला संकेत। पिछले चार वर्षो के दौरान अच्छे दोस्त के तौर पर उभरे हैं राष्ट्रपति ट्रंप। चुनाव प्रचार के दौरान जो बिडेन बता चुके हैं दोनों देशों को स्वाभाविक साझेदार।
वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव कोई भी जीते, लेकिन भारत के साथ अमेरिका के रणनीतिक संबंध ना केवल मजबूत होंगे बल्कि वर्तमान गति से बढ़ते रहेंगे। इस बात का संकेत प्रत्याशियों द्वारा किए जा रहे चुनाव प्रचार और तैयार किए गए दस्तावेजों से मिलता है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में अपने पहले कार्यकाल के दौरान भारत के सबसे अच्छे दोस्त के रूप में उभरे हैं। वह दोनों देशों के रिश्तों को एक नए मुकाम पर ले गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी दोस्ती जगजाहिर है। एक वर्ष से कम समय के दौरान दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से दो बड़ी रैलियों को संबोधित किया है। पिछले वर्ष सितंबर में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम का हवाला देते हुए ट्रंप ने कहा है कि चुनाव में उन्हें भारत का महान समर्थन हासिल है। वह पीएम मोदी को अपना मित्र भी बताते हैं।
दूसरी तरफ बिडेन ने अपने तीन दशक के राजनीतिक करियर के दौरान भारत के अच्छे संबंधों की हमेशा वकालत की है। भारत-अमेरिका के बीच हुए परमाणु समझौते को मंजूरी दिलाने से लेकर दोनों देशों के बीच 500 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को स्थापित करने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बिडेन के ना केवल पूरे भारतीय नेतृत्व के साथ अच्छे संबंध हैं बल्कि बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी उनके करीबी हैं। इसी वर्ष जुलाई में उन्होंने भारत और अमेरिका को स्वाभाविक साझेदार बताया था। उन्होंने कहा था कि यह साझेदारी रणनीतिक और हमारी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
ट्रंप ने चार वर्षो में कोई काम नहीं किया : बिडेन
जो बिडेन ने कहा कि देश पर विनाशकारी प्रभाव डालने वाली कोरोना महामारी को हराने की दिशा में पहला कदम चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की हार को सुनिश्चित करना होगा। बिडेन ने देशवासियों से ट्रंप को हराने की अपील करते हुए पीट्सबर्ग में कहा कि उन्होंने पिछले चार वर्षो में कोई काम नहीं किया है। उन्होंने कहा, 'मेरा संदेश सीधा है। इस देश को बदलने की ताकत आपके हाथों में है। वे देश के लोगों को मतदान करने से रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकते हैं।'
देश का नेतृत्व करने में विफल रहे ट्रंप: कमला
डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से कमला हैरिस ने कहा कि राष्ट्रपति देश का नेतृत्व करने में विफल रहे हैं और अब हम चार और वर्षो तक उनको बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देशभर में चुनाव प्रचार के दौरान परिवर्तन को महसूस किया है। अबकी बार के चुनाव में हमारा सब कुछ दांव पर लगा है।
राष्ट्रपति बनना चाहती हैं कमला हैरिस: ट्रंप
राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है कि कमला हैरिस राष्ट्रपति बनना चाहती हैं। बिडेन को वोट नहीं देने का यही सबसे उपयुक्त कारण है। फ्लोरिडा की एक रैली में ट्रंप ने कैलिफोर्निया की सीनेटर पर कट्टरपंथी वामपंथी समूह का हिस्सा होने का आरोप लगाया।