पाकिस्तान पर फिर सख्त हुआ अमेरिका, हथियार देना करेगा बंद; निशाने पर ISI
अमेरिकी सांसद का बयान- हम विचार करेंगे कि कभी भी पाकिस्तान में ऐसे हथियार न भेजें, जिनको वह अपने ही लोगों के खिलाफ प्रयोग कर सके।'
वॉशिंगटन (एएनआइ)। आतंकवाद को पालने-पोसने वाले पाकिस्तान पर अमेरिका की सख्ती का सिलसिला बरकरार है। अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को मुहैया कराने वाले हथियारों में भी अब कमी आ सकती है। दरअसल, अमेरिकी सांसद डेना रोहराबेकर का एक बयान सामने आया है। इसमें उन्होंने कहा है, 'हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम कभी भी पाकिस्तान में ऐसे हथियार न भेजें, जिनको वह अपने ही लोगों के खिलाफ प्रयोग कर सके।'
इतना ही नहीं डेना ने पाकिस्तान सरकार और खुफिया एजेंसी आइएसआइ को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद में सरकार विशेष रूप से आइएसआइ आजाद लोगों की सहयोगी नहीं, बल्कि दमनकारी है।
घरेलू आतंकवाद से पीड़ित पाकिस्तान
बता दें कि आतंक का गढ़ बन चुका पाकिस्तान अब घरेलू आतंकवाद की समस्या से जूझ रहा है। जिस आतंक के बीज को पाकिस्तान ने बोया और फिर उसे सींचा, आज वहीं आतंकवाद पाकिस्तान के लोगों को अपना शिकार बना रहा है। जिसका ताजा उदाहरण चुनावी रैली के दौरान हुआ धमाका है।
आम चुनाव से पहले धमाकों से दहला पाकिस्तान
पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले आम चुनावों से पहले आतंकियों ने शुक्रवार को दो चुनावी रैलियों को निशाना बनाया। हमले में करीब 133 लोगों की मौत हो गई, जबकि 120 से ज्यादा लोग घायल हो गए। मृतकों में बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के प्रत्याशी नवाबजादा सिराज राईसैनी भी हैं। वह पीबी-35 मस्तुंग से चुनाव मैदान में थे। यह आत्मघाती हमला था। इसकी जिम्मेदारी आईएस ने ली है। शुक्रवार को ही बन्नू इलाके में खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री अकरम खान दुर्रानी के काफिले को निशाना बनाकर ब्लास्ट किया गया। हमले में दुर्रानी तो बाल-बाल बच गए, लेकिन चार अन्य लोग मारे गए और 37 घायल हो गए।
पिछले 6 दिन में चुनावी रैलियों में हुए हमले
- 7 जुलाई : बन्नू इलाके में हुए धमाके में मुत्ताहिदा मजलिस ए अमाल (एमएमए) के प्रत्याशी सहित सात लोग घायल
- 10 जुलाई : पेशावर के याकतूत इलाके में हुए धमाके में अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के उम्मीदवार हारून बिलौर की मौत
- 12 जुलाई : खुजदार में पीएपी के चुनाव कार्यालय के पास हुए धमाके में दो लोग घायल