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अमेरिका ने भारत और पाकिस्‍तान के बीच सीधी वार्ता को लेकर कही बड़ी बात

अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि वह भारत और पाकिस्तान को तमाम मसलों पर सीधी बातचीत के लिए प्रोत्साहित करेगा। हालांकि गृह मंत्रालय ने इमरान सरकार द्वारा भारत से चीनी और कपास का आयात नहीं करने के फैसले पर कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 07:30 PM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 07:30 PM (IST)
अमेरिका ने भारत और पाकिस्‍तान के बीच सीधी वार्ता को लेकर कही बड़ी बात
पीएम इमरान खान, नरेंद्र मोदी, जो बाइडन

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि वह भारत और पाकिस्तान को तमाम मसलों पर सीधी बातचीत के लिए प्रोत्साहित करेगा। हालांकि गृह मंत्रालय ने इमरान सरकार द्वारा भारत से चीनी और कपास का आयात नहीं करने के फैसले पर कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया। अपनी नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, 'मैं उस पर विशेष रूप से कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।'

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प्राइस ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि संबंधित मसलों पर हम भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद को प्रोत्साहित करते रहेंगे। हालांकि जब पाकिस्तान कैबिनेट द्वारा चीनी और कपास का आयात रोकने के बारे में सवाल किया गया तो इस अधिकारी ने कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया है। बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कुछ दिनों पूर्व कहा था कि नई दिल्ली के साथ इस्लामाबाद के रिश्ते तब तक सामान्य नहीं हो सकते हैं जब तक जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस नहीं हो जाता है।

इमरान खान की सरकार ने फैसले का पलटा 

ज्ञात हो कि 2019 के अगस्त में भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ कारोबारी संबंधों पर रोक लगा दी थी। लेकिन अब पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने भारत के साथ कारोबार एक बार फिर शुरू करने के संकेत दिए थे और भारत से कपास और चीनी के आयात की बात कही थी, लेकिन बाद में इमरान खान सरकार ने इस फैसले का पलट दिया था। 

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भारत एक बड़ा भागीदार: केरी

जलवायु संबंधी मामलों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के विशेष दूत जॉन केरी ने बुधवार को कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक मंच पर एक बड़ा भागीदार है। केरी ने कहा कि नई दिल्ली द्वारा उठाए जाने वाले निर्णायक कदम अब यह निर्धारित करेंगे कि आने वाली पीढि़यों के लिए इस परिवर्तन के क्या मायने होंगे।

उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता और महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा दिया जाना न सिर्फ आर्थिक वृद्धि और सतत विकास के लिए अहम है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने साउथ एशिया वीमेन इन एनर्जी (एसएडब्ल्यूआइई) के डिजिटल कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन से निपटने के संदर्भ में भारत-अमेरिका के संबंधों और आपसी समन्वय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत वैश्विक मंच पर बड़ा भागीदार है।

एसएडब्ल्यूआइई भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) और अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) की संयुक्त पहल है और ऑनलाइन प्रारूप में इसका पहला लीडरशिप समिट (नेतृत्व शिखर सम्मेलन) आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में भारत, अमेरिका और दक्षिण एशिया के कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, कारोबारी जगत के नेता और विशेषज्ञों ने पर्यावरण से संबंधित स्थिरता के प्रयासों को तेज करने और जलवायु संकट से लड़ने में लैंगिक समानता की भूमिका पर चर्चा की। यूएसआइएसपीएफ के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुकेश अघी ने कहा, 'हमें कोरोना वायरस की तरह ही जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए भी तत्काल कार्य योजना की जरूरत है।'


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