अब्दुल रऊफ पर प्रतिबंध के प्रस्ताव पर चीन की रोक के बाद अमेरिका के तीखे तेवर, कहा- अराजनीतिक तरीके से प्रतिबंध प्रणाली का इस्तेमाल जरूरी
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन के एक प्रवक्ता ने कहा अमेरिका आइएस अलकायदा और उनके सहयोगियों को उनकी अवैध गतिविधियों के लिए जवाबदेह ठहराने से संबंधित 1267 समिति के महत्व को पुरजोर तरीके से मानता है। चीन के प्रवक्ता ने कहा हमें मामले में अध्ययन के लिए और समय चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र, एजेंसियां: अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि आतंकवादियों को उनके कुकृत्यों के लिए वैश्विक व्यवस्था का उपयोग करने से रोकने के वास्ते अराजनीतिक तरीके से प्रतिबंध प्रणाली का प्रभावी इस्तेमाल करने में वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों के साथ सहयोग को अहमियत देता है। अमेरिका का यह बयान चीन के उस कदम के बाद आया है जिसमें उसने जैश ए मोहम्मद के उप-प्रमुख अब्दुल रऊफ अजहर को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव पर बुधवार को रोक लगा दी।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन के एक प्रवक्ता ने कहा, 'अमेरिका आइएस, अलकायदा और उनके सहयोगियों को उनकी अवैध गतिविधियों के लिए जवाबदेह ठहराने से संबंधित 1267 समिति के महत्व को पुरजोर तरीके से मानता है।' वहीं, संयुक्त राष्ट्र में चीन के मिशन के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हमने रोक लगाई क्योंकि हमें मामले में अध्ययन के लिए और समय चाहिए। समिति के दिशानिर्देशों के अनुरूप रोक लगाई जाती है और प्रतिबंध लगाने के अनुरोधों पर समिति के सदस्यों द्वारा ऐसी रोक पहले भी लगाई जाती रही है।'
चीन ने दो महीने से भी कम समय में दूसरी बार पाकिस्तान स्थित किसी आतंकवादी को प्रतिबंधित करने की अमेरिका और भारत की कोशिश को बाधित किया है। आपको बता दें, भारत और अमेरिका ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक शीर्ष कमांडर अब्दुल रऊफ पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा था। जिसे चीन के विरोध की वजह से पारित नहीं किया जा सका। यह आतंकवाद पर चीन के दोहरे चरित्र को दर्शाता है क्योंकि इस बैठक के दो दिन पहले ही चीन ने संयुक्त राष्ट्र में ही एक बैठक में कहा था कि आतंकवाद के मुद्दे पर राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
भारत और अमेरिका ने अजहर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित करने, उसकी संपत्ति जब्त करने, उसे यात्रा करने से रोकने और हथियारों पर प्रतिबंध लगाने का एक प्रस्ताव रखा था जिस पर चीन ने रोक लगा दी।