America Russia Tension: अमेरिकी बमवर्षक के करीब आए रूसी विमान, हादसा बचा
अमेरिकी वायुसेना के बी-52 विमान नाटो के 30 सदस्यों की एकजुटता का प्रदर्शन करने के लिए उनके ऊपर से उड़े थे। उसी दौरान काला सागर के ऊपर रूसी विमान उनके नजदीक आए।
वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका और रूस के बीच चल रही तनातनी के दौर में शुक्रवार को काला सागर के ऊपर अमेरिकी बी-52 बमवर्षक विमान को दो रूसी लड़ाकू विमानों ने काफी नजदीक जाकर चेतावनी दी। अमेरिका ने कहा है कि रूसी विमानों का यह आचरण असुरक्षित और गैर पेशेवर था। अमेरिकी विमान अंतरराष्ट्रीय जल सीमा के ऊपर था। उसने किसी देश की सीमा का उल्लंघन नहीं किया। फिर रूसी विमानों की ऐसी गैर जिम्मेदाराना हरकत समझ से बाहर है।
अमेरिकी वायुसेना के अनुसार रूसी पायलटों ने अपने विमान को अमेरिकी विमान से महज 100 फीट की दूरी से क्रॉस किया। ऐसे में अमेरिकी विमान की नोज से वे टकरा सकते थे, हवा में विमान दुर्घटनाग्रस्त हो सकते थे। अमेरिकी वायुसेना ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय वायुसीमा में सभी देशों के विमानों से नियमों के पालन की अपेक्षा होती है।
सुरक्षा संबंधी कोई चूक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। शुक्रवार को अमेरिकी वायुसेना के बी-52 विमान नाटो के 30 सदस्यों की एकजुटता का प्रदर्शन करने के लिए उनके ऊपर से उड़े थे। उसी दौरान काला सागर के ऊपर रूसी विमान उनके नजदीक आए।
दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन ने बढ़ाई गतिविधि
वहीं, दूसरी ओर अमेरिका और चीन के बीच भी तनाव माहौल है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने गुरुवार को कहा था कि चीन ने मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें दाग कर दक्षिण चीन सागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। इस क्षेत्र में मिसाइलों के परीक्षण समेत उसके सैन्य अभ्यास के फैसले से अमेरिका चिंतित है। चीन ने बुधवार को दक्षिणी हैनान प्रांत और पार्सल द्वीप समूह के बीच वाले इलाके में मिसाइलें दागी थीं। इनमें एक 'कैरियर किलर' मिसाइल भी बताई गई थी, जो विमानवाहक पोत को नष्ट करने में सक्षम है। विश्लेषकों का मानना है कि यह मिसाइल अमेरिकी विमानवाहक पोतों पर हमले के इरादे से विकसित की गई है।