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चीन की एयरलाइन कंपनियों पर बैन लगाने की तैयारी में US, रूसी हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर हो सकती है कार्रवाई

Ban on Chinese Airlines चीनी एयरलाइनों को रूसी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए अमेरिका इस तरह के बैन की तैयारी कर रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा दल को इस तरह का एक आदेश भी दिया गया है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaPublished: Sun, 19 Mar 2023 03:42 PM (IST)Updated: Sun, 19 Mar 2023 03:42 PM (IST)
चीन की एयरलाइन कंपनियों पर बैन लगाने की तैयारी में US, रूसी हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल पर हो सकती है कार्रवाई
Ban on Chinese Airlines चीनी कंपनियों पर बैन की तैयारी।

वाशिंगटन, एएनआई। Ban on Chinese Airlines अमेरिकी परिवहन विभाग चीनी एयरलाइंस पर यात्रियों को अमेरिका ले जाने के लिए रूसी हवाई क्षेत्र का उपयोग करने पर बैन लगाने की तैयारी कर रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के तीन अधिकारियों ने इस बात की जानकारी न्यूयॉर्क टाइम्स को दी है।

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राष्ट्रीय सुरक्षा दल को मिला आदेश

राष्ट्रीय सुरक्षा दल और अन्य को कथित तौर पर पिछले सोमवार को एक आदेश दिया गया था। इस आदेश के तहत चीनी कंपनियों को अमेरिकी एयरलाइन कंपनियों द्वारा सामना किए जाने वाले समान प्रतिबंधों का पालन करने की आवश्यकता बताई गई थी।

यूएस एयरलाइंस कंपनियों ने की लॉबिंग

एयरलाइंस फॉर अमेरिका उद्योग व्यापार समूह के अनुसार अमेरिकी सरकार का यह विचार यूएस एयरलाइंस द्वारा लॉबिंग का परिणाम है। व्यापार समूह के अनुसार यूएस एयरलाइन कंपनियों को विदेशी कंपनियों के मुकाबले सालाना बाजार हिस्सेदारी में 2 डॉलर बिलियन तक का नुकसान हो रहा है, क्योंकि दूसरे देशों की कंपनियां रूसी क्षेत्र से अधिक प्रतिबंधित नहीं हैं। समूह ने अनुरोध किया है कि बाइडन प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करे कि रूस से गुजरने वाले अंतर्राष्ट्रीय वाहक अमेरिकी हवाई अड्डों पर नहीं आते।

चाइना ईस्टर्न और एयर इंडिया जैसी कंपनियों को फायदा

चाइना ईस्टर्न, एमिरेट्स और एयर इंडिया जैसी कंपनियों को यूक्रेन युद्ध के बाद कोई नुकसान नहीं हुआ है और इन एयरलाइंस ने राजस्व में वृद्धि देखी है। ऐसा इसलिए क्योंकि वे रूस के क्षेत्र में जा सकती हैं और सबसे छोटा मार्ग अपना सकती हैं। 

दूसरी ओर, अमेरिकी एयरलाइन कंपनियों के विमानों को नो-गो जोन का पालन करने के लिए आवश्यक अधिक सर्किट वाले मार्गों पर उड़ान भरनी पड़ती है। वहीं, इन विमानों को ईंधन भरने के लिए भी कई जगह पर उतरना पड़ता है और दर्जनों खाली सीटों के साथ लंबी दूरी की उड़ानें संचालित करनी पड़ती हैं।  

यात्रियों को मनाने में जुटी यूएस कंपनियां

रूस टुडे के अनुसार, अमेरिका की एयरलाइंस उन यात्रियों को मनाने का प्रयास कर रही है जो ज्यादा पैसे खर्च करने को लेकर आपत्ति जताते हैं और यह बताने की कोशिश में है कि रूस के ऊपर उड़ान भरना वास्तव में जोखिम भरा है। लॉबिंग समूह 2014 में यूक्रेन में MH17 के दुर्घटनाग्रस्त होने का उदाहरण देता है।


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