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अमेरिका-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप प्रशासन ने बगदाद स्थित दूतावास से अधिकारी बुलाए

अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप प्रशासन ने अपने गैर-आपातकालीन अधिकारियों को बगदाद छोड़ने के निर्देश दिए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 03:34 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 04:24 PM (IST)
अमेरिका-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप प्रशासन ने बगदाद स्थित दूतावास से अधिकारी बुलाए
अमेरिका-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप प्रशासन ने बगदाद स्थित दूतावास से अधिकारी बुलाए

वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप प्रशासन ने अपने गैर-आपातकालीन अधिकारियों को बगदाद छोड़ने के निर्देश दिए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने बगदाद में अमेरिकी दूतावास और एर्बिल में वाणिज्‍य दूतावास के अधिकारियों को स्‍वदेश वापस लौटने को कहा है। विभाग की ओर से बताया गया है कि दोनों पोस्‍टों से सामान्‍य वीजा सेवाएं अस्‍थाई रूप से निलंबित रहेंगी। हालांकि अभी यह निश्चित नहीं है कि कुल कितने कर्मचारियों को वापस बुलाया जाएगा।

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बता दें कि ट्रंप ने पिछले साल आठ मई को ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने का एलान किया था। इसके बाद उसके तेल निर्यात को रोकने के साथ ही उस पर कई कठोर प्रतिबंध लगा दिए। ट्रंप ने ईरान पर यह कार्रवाई उसके परमाणु कार्यक्रम और आतंकी गतिविधियों को लेकर की थी। इन प्रतिबंधों के कारण भारत और चीन जैसे देशों को दी गई रियायत खत्म हो गई जिसकी वजह से ईरान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है। 

इस बीच ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों ने दावा किया कि उन्होंने प्रमुख सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों पर ड्रोन हमले किए हैं। इस तरह सऊदी के दो तेल टैंकरों पर यूएई तट पर हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। हालांकि, ईरान ने इन हमलों में अपना हाथ होने से इनकार करते हुए इन्‍हें एक साजिश करार दिया है।

दोनों देशों में बढ़े तनाव के बाद ऐसी खबरें आईं कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप इस क्षेत्र में एक लाख 20 हजार सैनिकों की तैनाती कर रहे हैं। हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ युद्ध की तैयारी के बारे में रिपोर्टों को खारिज कर दिया है। वहीं बीती रात ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कहा कि अमेरिका के साथ कोई युद्ध नहीं होने जा रहा है। कोई भी युद्ध नहीं करना चाहता है।  

ईरान पर दबाव बनाने के लिए पश्चिम एशिया में अमेरिका ने पहले ही विमानवाहक पोत और बमवर्षक विमान तैनात कर दिए हैं। पैट्रियॉट मिसाइलों के अलावा कई अन्य युद्धपोतों की भी तैनाती की गई है। इस पर सहयोगी यूरोपीय देशों के राजनयिकों ने चिंता जताई है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा का जायजा लेने के लिए इराक का दौरा भी कर चुके हैं। जबकि अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप पहले ही चेता चुके हैं कि यदि ईरान ने कोई भी हरकत की तो यह उसकी बहुत बड़ी गलती होगी। 

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