चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट पर अमेरिका ने जताई आपत्ति, बताया नया खतरा
बेल्ट एंड रोड पहल भी इससे अलग नहीं है। मुझे लगता है कि खासतौर पर एशिया और दक्षिण-पूर्वी एशिया इस खतरे को लेकर जागरूक हो रहा है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट वन बेल्ट वन रोड (ओबोर) के तहत दुनियाभर में चल रही परियोजनाओं पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि ओबोर में आर्थिक हित की अपेक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का तत्व ज्यादा शामिल है। चीन, अमेरिका और सहयोगी देशों के लिए सुरक्षा खतरा पैदा कर रहा है। अरबों डालर लागत का यह प्रोजेक्ट चीन के साथ एशियाई, अफ्रीकी और यूरोपीय देशों के बीच संपर्क और सहयोग को बेहतर करने पर केंद्रित है।
सुरक्षा की भावना ज्यादा
पोंपियो ने गुरुवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा, 'वे दक्षिण चीन सागर में इसलिए नहीं जा रहे क्योंकि वे स्वतंत्र आवाजाही चाहते हैं। वे दुनियाभर में बंदरगाहों के निर्माण का प्रयास इसलिए नहीं कर रहे हैं कि वे बेहतर जहाज निर्माता बनना चाहते हैं, बल्कि उनके हर काम में राष्ट्रीय सुरक्षा का तत्व है।
एशिया और दक्षिण-पूर्वी एशिया इस खतरे को लेकर जागरूक
बेल्ट एंड रोड पहल भी इससे अलग नहीं है। मुझे लगता है कि खासतौर पर एशिया और दक्षिण-पूर्वी एशिया इस खतरे को लेकर जागरूक हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि विदेश मंत्रालय यह सुनिश्चित कर सकता है कि चीन का इन गतिविधियों में शामिल होना ज्यादा कठिन हो जाए।'
बेल्ट एंड रोड फोरम की तैयारी में चीन
पोंपियो का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब चीन अगले माह दूसरे बेल्ट एंड रोड फोरम की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। भारत ने चीन के दूसरे फोरम का भी बहिष्कार किया है।
सीपीईसी पर भारत को है आपत्ति
ओबोर के तहत पाकिस्तान में बन रहे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर भारत अपनी आपत्ति जाहिर कर चुका है क्योंकि यह परियोजना गुलाम कश्मीर से होकर गुजरती है। करीब तीन हजार किमी लंबी इस परियोजना का मकसद चीन और पाकिस्तान को रेल, सड़क, पाइपलाइन और ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क से जोड़ने का है।