रूस और चीन के बाद कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति दे सकता है अमेरिका, मिले संकेत
रूस और चीन के बाद अमेरिका भी कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण खत्म होने से पहले ही इसके आपात इस्तेमाल की अनुमति देने पर विचार कर रहा है।
न्यूयॉर्क, आइएएनएस। रूस और चीन के बाद अमेरिका भी कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण खत्म होने से पहले ही उसके आपातकालीन उपयोग की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के प्रमुख ने यह जानकारी दी। रविवार को फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित साक्षात्कार में एफडीए के कमिश्नर स्टीफन हान ने कहा कि अगर जोखिम से लाभ मिलता है तो कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति देना सही फैसला होगा।
ट्रंप कर चुके हैं एफडीए की आलोचना
एफडीए प्रमुख का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि एक हफ्ते पहले ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वैक्सीन के ट्रायल के लिए दवा कंपनियों को मंजूरी देने के उसके तौर तरीकों की आलोचना कर चुके हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया था कि उनके चुनाव को प्रभावित करने के लिए एफडीए मंजूरी देने में देरी कर रहा है। हान ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के फैसले राजनीति से प्रभावित होकर नहीं किए जाते।
अमेरिका में तीन टीकों पर चल रहा ट्रायल
राष्ट्रपति ट्रंप का यह भी कहना है कि अमेरिका में इसी साल कोरोना वायरस की वैक्सीन आ जाएगी। अमेरिका में तीन कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। सभी अपने तीसरे और आखिरी चरण के परीक्षण में हैं। ट्रंप ने बताया कि अमेरिका इन वैक्सीन का पहले से ही उत्पादन कर रहा है ताकि इसकी खुराक लोगों तक आसानी से उपलब्ध हो सके। ट्रंप ने बीते दिनों कहा था कि हम इस वायरस को कुचल देंगे।
चीन में पहले ही दी जा चुकी है इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी
चीन पहले ही कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे चुका है। सिनोवैक बायोटेक लिमिटेड (Sinovac Biotech Ltd.) की वैक्सीन को जुलाई में मंजूरी दी गई थी। रिपोर्टों के मुताबिक, सबसे पहले उच्च जोखिम वाले समूह जैसे कि मेडिकल स्टाफ को यह वैक्सीन लगाई जा रही है। चीन में वैक्सीन प्रमुख झेंग झोंगवेई (Zheng Zhongwei) ने बताया था कि जिनको वैक्सीन दी गई उनमें से कुछ में साइड इफेक्ट दिखा लेकिन किसी को बुखार नहीं आया।