America-Iran Tension: हमले के आदेश से राष्ट्रपति ट्रंप का कदम खींचना धमकी या आत्मसमर्पण !
America-Iran Tension ड्रोन मार गिराए जाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले का आदेश देने के बाद कई लोगों की जान पर खतरे का हवाला देते हुए अपना कदम पीछे खींच लिया था।
वाशिंगटन, द न्यूयॉर्क टाइम्स। America-Iran Tension: अपना ड्रोन मार गिराए जाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले का आदेश दे दिया था। हालांकि, अंतिम क्षणों में उन्होंने ने यह कहते हुए हमले का फैसला बदल दिया कि यदि मिसाइलें दागी गईं तो कम से कम 150 लोगों की जान चली जाएगी। अब ट्रंप के इस तरह कदम खींचने को लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि हमला करने का फैसला लेकर ही ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दे दी है। जबकि कुछ लोग इसे ईरान के सामने अमेरिका का आत्मसमर्पण मान रहे हैं।
अमेरिका में ब्रिटेन के पूर्व राजदूत सर पीटर वेस्टमेकॉट ने कहा, 'ट्रंप ने जो किया है, उससे पूरी दुनिया में एक भ्रामक संदेश जाएगा। यह बहुत खतरनाक है। इससे ट्रंप को लेकर भी कई सारी अटकलें लगाई जाएंगी। क्या वह बड़बोले हैं? क्या उन्हें अपने फैसलों को लेकर भी संदेह है?' फ्रांस के पूर्व रक्षा अधिकारी ने भी इसी तरह की आशंका जताई है। फ्रैंकोस हिस्बर्ग का कहना है कि ट्रंप को अपने अगले फैसलों का भी अनुमान नहीं है, यह बहुत परेशान करने वाला है।
क्या-क्या है अनुमान
बढ़ सकती है ईरान की हिम्मत
2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने के बाद से ही ईरान व अमेरिका युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। हालांकि, अमेरिका ने जिस तरह आखिरी समय में ईरान पर हमला करने का फैसला वापस लिया, उससे ईरान की हिम्मत और बढ़ सकती है। लंदन स्थित रिसर्च सेंटर में कार्यरत अनिशे तबरीजी ने कहा, 'ईरान को लग सकता है कि वह सही है। अमेरिका के पीछे हटने को वह समझौते का संकेत भी मान सकते हैं।'
कभी भी हो सकता है हमला
ईरान के दुश्मन देशों में शामिल सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल का मानना है कि ट्रंप के फैसले को आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि चेतावनी माना जाना चाहिए। उनका कहना है कि ट्रंप ने ईरान को बता दिया है कि वह अमेरिका या उसके सहयोगियों के खिलाफ कोई भी कदम बढ़ाता है तो उसपर कभी भी हमला हो सकता है। इजरायल के एक सेवानिवृत मेजर जनरल ने कहा, 'ट्रंप ने बहुत सधा हुआ कदम उठाया है। उन्होंने हमले से पीछे हटने की वजह भी साफ की। यही कारण है कि ईरान अमेरिका से डरा हुआ है।'
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