नस्लीय हिंसा की जद में अमेरिका, बोले ट्रंप- अराजकता के लिए देश का वामपंथ जिम्मेदार
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अलग-अलग शहरों में जारी हिंसा के लिए देश के वामपंथ को जिम्मेदार ठहराया है।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों ने उग्र रूप धारण कर लिया है। इसके चलते अमेरिका के 40 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसकी जद में व्हाइट हाउस भी आ गया है। यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पूरे व्हाइट हाउस को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए 5,000 नेशनल गार्ड को उतारा गया है। इसके अलावा 2000 गार्डों को तैनात रहने को कहा गया है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अलग-अलग शहरों में जारी हिंसा के लिए देश के वामपंथ को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि दंगाई निर्दोष लोगों को डरा रहे हैं, नौकरियों को नष्ट कर रहे हैं, बिजनेस को नुकसान पहुंचा रहे हैं और बिल्डिंग्स को जला रहे हैं।इसके पूर्व ट्रंप ने ट्विटर पर लिखा कि संयुक्त राज्य अमेरिका एंटिफा (ANTIFA) को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करेगा।
व्हाइट हाउस में बने सुरक्षात्मक बंकर में ट्रंप
वाइट हाउस के पास प्रदर्शन कर रही भीड़ ने एक कूड़ेदान में आग लगा दी और पुलिस से धक्कामुक्की भी की। मामला इतना बिगड़ गया कि सुरक्षा में तैनात सीक्रेट सर्विस एजेंट्स राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस में बने सुरक्षात्मक बंकर में लेकर चले गए। हालांकि, मौके पर पहुंची वॉशिंगटन पुलिस ने व्हाइट हाउस के आस-पास से उपद्रवियों को पीछे कर दिया। अमेरिका में अश्वेतों का प्रदर्शन का दायरा बढ़ता जा रहा है। अमेरिका के 40 शहर हिंसा की आग में झुलस रहे हैं। इसकी आंच रविवार को व्हाइट हाउस तक पहुंच गई। राजधानी वाशिंगटन में मामला इतना बिगड़ गया कि मेयर ने रात को कर्फ्यू का ऐलान कर दिया। वहीं, व्हाइट हाउस के पास लगातार तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहा।
बोले ट्रंप- हिंसा के लिए देश का वामपंथ जिम्मेदार
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने जारी हिंसा के लिए देश के वामपंथ को जिम्मेदार ठहराया है। दंगाई निर्दोष लोगों को डरा रहे हैं, नौकरियों को नष्ट कर रहे हैं, व्यापारिक प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उपद्रवी इमारतों को जला रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि जॉर्ज फ्लॉयड की याद को उपद्रवियों, लुटेरों और अराजकतावादियों ने बदनाम किया है। ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा कि नेशनल गार्ड को मिनियापोलिस में हालात को काबू में करने के लिए उतार दिया गया है, जो डेमोक्रेटिक पार्टी के मेयर नहीं कर सके। इनका दो दिन पहले ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अब कोई और नुकसान नहीं होगा।
ब्रायन ने कहा- सुरक्षा बलों के बीच नहीं है नस्लवाद की धारणा
उधर, इस बात की भी आशंका जाहिर की गई है कि नस्लवाद को लेकर अमेरिकी पुलिस बल में फूट पड़ गई है। इस चर्चा के बाद अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने इन दावों से इनकार किया कि नस्लवाद अमेरिकी पुलिस बलों में मौजूद है। उन्होंने सीएनएन को बताया कि यह भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता कि सुरक्षा बलों में नस्लवाद मौजूद है। ब्रायन ने कहा कि 99.9 फीसद अश्वेत देश के कानून का पालन करने वाले हैं।
बिडेन ने प्रभावति क्षेत्र का दौरा किया
इस बीच डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने रविवार को डेलावेयर राज्य में नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन का दौरा किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका गहन पीड़ा में है। उन्होंने कहा कि देश काफी मुश्किल दौर से गुजर रहा है। ऐसे में किसी को भी हिंसा की अनुमति नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वार्ता के जरिए समस्या का समाधान होना चाहिए। बिडेन ने कहा कि मैं इस बातचीत का नेतृत्व करने में मदद करूंगा।
जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या से दुखी हुईं मिशेल
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा ने कहा कि वह जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या से दुखी हैं। एक इंस्टाग्राम पोस्ट में मिशेल ने कहा कि नस्लवाद एक सचाई है। हममें से कई लोग इससे समझौता करना सीख जाते हैं, लेकिन अगर हम इसे सच में अतीत बनाना चाहते हैं तो यह केवल एक रंग के लोग नहीं कर सकते। यह हम सब पर है- गोरे, काले सभी पर। यह न्याय, करुणा और सहानुभूति के साथ खत्म होगा।