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एफएटीएफ की बैठक से पहले अमेरिका ने दिया आतंकी पोषित पाकिस्तान को तगड़ा झटका

फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से निकलने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को अमेरिका ने तगड़ा झटका दिया है। वाशिंगटन ने लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकी संगठनों की सूची में बरकरार रखा है। लश्कर-ए-झांगवी समेत सात और संगठनों को विदेशी आतंकी संगठन का दर्जा दिया गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 08:40 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 08:40 PM (IST)
एफएटीएफ की बैठक से पहले अमेरिका ने दिया आतंकी पोषित पाकिस्तान को तगड़ा झटका
ट्रंप प्रशासन ने लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी संगठन का दर्जा बरकरार रखा।

वाशिंगटन, प्रेट्र। फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से निकलने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को अमेरिका ने तगड़ा झटका दिया है। वाशिंगटन ने लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकी संगठनों की सूची में बरकरार रखा है। इसके अलावा पाक स्थित लश्कर-ए-झांगवी समेत सात और संगठनों को भी विदेशी आतंकी संगठन का दर्जा दिया गया है।

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टेरर फंडिंग: पाकिस्तान पर एफएटीएफ की काली सूची की लटकती तलवार

अमेरिकी विदेश विभाग का यह आदेश एफएटीएफ की अगले माह वाले वाली एक अहम बैठक से ठीक पहले आया है। पाकिस्तान अभी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है, लेकिन अगर वह टेरर फंडिंग (आतंकवाद के वित्तपोषण) और मनी लांड्रिंग पर 27 प्वाइंट के एक्शन प्लान को पूरा नहीं करता है तो उसे काली सूची में डाला जा सकता है।

यदि पाक ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आता तो उसे आर्थिक मदद मिलना मुश्किल हो जाएगा

आखिरी बार हुई एफएटीएफ की बैठक में यह पाया गया था कि पाक ने सिर्फ 21 बिंदुओं पर काम किया है। अगर पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ), विश्व बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलना मुश्किल हो जाएगा।

अमेरिका ने 2001 में लश्कर को आतंकी संगठन करार दिया था

वर्ष 2008 में मुंबई हमले को अंजाम देने वाले लश्कर-ए-तैयबा को अमेरिका ने वर्ष 2001 में आतंकी संगठन करार दिया था। विदेशी आतंकी संगठन का दर्जा देने से इन समूहों पर हमले की साजिश रचने और हमला करने के संसाधन जुटाने की कोशिश पर लगाम लगाई जाती है। इतना ही नहीं, अमेरिका में संगठन से जुड़े लोगों की संपत्ति जब्त की जा सकती है और देश के नागरिकों को इनसे संपर्क नहीं करने को कहा जाता है। इन लोगों को मदद देना भी अपराध की श्रेणी में आता है। इससे पहले अमेरिका ने विदेशी आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए वर्ष 2019 में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए- मुहम्मद सहित अन्य आतंकी संगठनों के करीब 6.3 करोड़ डॉलर की वित्तीय मदद पर रोक लगा दी थी।

हरकत-उल-मुजाहिदीन कश्मीर में अपनी गतिविधियों को अंजाम देता है

अमेरिका ने लश्कर के 3,42,000 डॉलर, जैश के 1,725 डॉलर, हरकत उल मुजाहिदीन के 45,798 डॉलर के कोष पर रोक लगाने में सफलता हासिल की थी। ये तीनों पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन हैं। हरकत-उल-मुजाहिदीन जिहादी समूह है जो कश्मीर में अपनी गतिविधियों को अंजाम देता है।


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