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अमेरिका ने अफगानिस्तान में पिछले साल गिराए रिकॉर्ड संख्या में बम, कैसे तबाह हुआ पूरा देश

संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने गत 19 साल से संघर्ष से जूझ रहे अफगानिस्तान में अमेरिकी और अफगान बलों के बढ़ते हवाई हमलों में नागरिकों की मौत पर गहरी चिंता जताई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 07:36 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 07:36 PM (IST)
अमेरिका ने अफगानिस्तान में पिछले साल गिराए रिकॉर्ड संख्या में बम, कैसे तबाह हुआ पूरा देश
अमेरिका ने अफगानिस्तान में पिछले साल गिराए रिकॉर्ड संख्या में बम, कैसे तबाह हुआ पूरा देश

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका ने पिछले साल अफगानिस्तान में रिकॉर्ड संख्या में बम गिराए थे। युद्ध प्रभावित इस मुल्क में वर्ष 2019 में अमेरिकी सेना ने अपने लक्ष्यों पर 7,423 बम बरसाए थे। अमेरिकी वायुसेना की मध्य कमान ने सोमवार को यह जानकारी दी। वर्ष 2018 में भी 7,362 बम गिराए गए थे।

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19 वर्ष से जूझ रहा है अफगानिस्‍तान

संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने गत 19 साल से संघर्ष से जूझ रहे अफगानिस्तान में अमेरिकी और अफगान बलों के बढ़ते हवाई हमलों में नागरिकों की मौत पर गहरी चिंता जताई है। बीते रविवार को उत्तरी बल्ख प्रांत में अफगान बलों के हवाई हमले में तीन बच्चों समेत सात नागरिकों की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर स्थानीय नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। अमेरिकी बलों ने इस महीने के शुरू में पश्चिमी अफगानिस्तान में तालिबान के एक शीर्ष कमांडर को निशाना बनाकर ड्रोन हमला किया था। इसमें 70 से ज्यादा बेकसूर नागरिक मारे गए थे।

717 नागरिकों ने जान गंवाई

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2019 की पहली छमाही के दौरान अफगान और अमेरिकी बलों के हवाई हमलों में 717 नागरिकों ने जान गंवाई थी। गत वर्ष अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौता अटकने के बाद हवाई हमलों में वृद्धि देखी गई थी।

अमेरिका-तालिबान में इसी माह हो सकता है समझौता

उधर, अफगानिस्तान में 19 साल से जारी खूनी संघर्ष के खत्म होने के आसार बढ़ गए हैं। तालिबान ने कहा कि अमेरिका के साथ जनवरी के आखिर तक समझौते पर हस्ताक्षर करने का लक्ष्य है। इसके लिए आतंकी गतिविधियों को कम किया जाएगा। तालिबान के प्रमुख प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने यह जानकारी दी।

अमेरिका ने रखी थी यह शर्त

इसी आतंकी संगठन के सूत्रों ने बताया था कि संक्षिप्त संघर्ष विराम का प्रस्ताव दिया गया है। इस प्रस्ताव के बाद कतर की राजधानी दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता शुरू हुई। शाहीन ने कहा, 'अमेरिका के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर के लिए हम कुछ दिनों के लिए अपनी गतिविधियों में कमी लाने पर सहमत हुए हैं। तालिबान को इस माह के आखिर तक अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।' अमेरिका शांति वार्ता बहाल करने के लिए तालिबान से हिंसा कम करने की मांग कर रहा था।


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