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China vs US: कोरोना पर मुआवजे को लेकर अमेरिका अडिग, कहा- चीन पर दबाव डालता रहेगा

अमेरिका अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर चीन पर कोरोना की उत्पत्ति को लेकर पारदर्शिता बरतने और सही सूचना देने के लिए दबाव डालता रहेगा। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा कि इसके साथ ही हम अपनी जांच प्रक्रिया भी जारी रखेंगे।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 05:24 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 10:59 PM (IST)
China vs US: कोरोना पर मुआवजे को लेकर अमेरिका अडिग, कहा- चीन पर दबाव डालता रहेगा
कोरोना पर मुआवजे को लेकर अमेरिका अडिग। चीन पर दबाव डालता रहेगा। फाइल फोटो।

वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर चीन पर कोरोना की उत्पत्ति को लेकर पारदर्शिता बरतने और सही सूचना देने के लिए दबाव डालता रहेगा। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा कि इसके साथ ही हम अपनी जांच प्रक्रिया भी जारी रखेंगे। अमेरिका का यह बयान ऐसे समय आया है, जब चीन ने सोमवार को अमेरिका की मुआवजा की मांग को खारिज कर दिया था।

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हम अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों का भी लेंगे सहयोग

व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से बात करते हुए सुलिवन ने कहा, हम अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ चीन पर पारदर्शिता बरतने के लिए दबाव डालते रहेंगे। चीन ने जो कहा है कि वह इस प्रक्रिया भी शामिल नहीं होगा, उसे हम स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ इस मुद्दे पर भी बातचीत करेंगे। इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने सांसदों की बैठक में कहा कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति के दो स्रोत हो सकते हैं। पहला यह कि इसका निर्माण प्रयोगशाला में किया गया हो सकता है। दूसरा, इसकी उत्पत्ति प्राकृतिक रूप से भी हो सकती है। विदेशी मामलों की समिति के सदस्य स्टीव कैबट के एक सवाल के जवाब में ब्लिंकन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन ने इस मामले में विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।

जी-7, नाटो की बैठकों में भाग लेंगे बाइडन

सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन बुधवार को ब्रिटेन की यात्रा पर रवाना होंगे। इसके बाद वे ब्रसेल्स और जेनेवा भी जाएंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान वे जी-7 और नाटो की बैठकों में भाग लेने के अलावा वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत भी करेंगे। बैठकों के दौरान कोरोना महामारी का असर, सुरक्षा चुनौतियां और अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। सुलिवन ने कहा, हमारा मानना है कि राष्ट्रपति की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब देश में हालात बेहतर हो रहे हैं।

अफगानिस्तान मुद्दे पर पाक के साथ रचनात्मक बातचीत हुई

सुलिवन ने कहा कि अफगानिस्तान में आतंकवाद से निपटने और अफगान शांति प्रक्रिया को लेकर खुफिया और राजनयिक चैनलों के माध्यम से पाकिस्तान के साथ रचनात्मक बातचीत हुई है। सुलिवन ने कहा कि अगले सप्ताह नाटो की बैठक के दौरान शांति प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगी। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अफगानिस्तान फिर अलकायदा या आइएस का गढ़ न बने और कोई आतंकी समूह अमेरिका पर फिर हमला न कर सके। हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान के साथ हुई बातचीत का विस्तृत विवरण नहीं दिया।

रूस के साथ बैठक सिर्फ संवाद के लिए

सुलिवन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ जेनेवा में होने वाली राष्ट्रपति बाइडन की शिखर बैठक का मकसद रूस को अमेरिका के विचारों से अवगत कराना है। बाइडन और पुतिन की यह बैठक 16 जून को होने वाली है। सुलिवन ने कहा कि यदि आप बातचीत से किसी महत्वपूर्ण उपलब्धि का अनुमान लगाते हैं तो इसके लिए आपको लंबा इंतजार करना होगा। इसलिए शिखर बैठक के बारे में यह सोचने की जरूरत है कि इसमें परस्पर विचारों से अवगत कराया जाएगा।

चीन से मुआवजे की मांग करने का आह्वान किया था

बता दें कि चीन ने सोमवार को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोरोना से हुई मौत और तबाही के लिए अमेरिका और दुनिया को मुआवजे के तौर पर 10 ट्रिलियन डालर देने की मांग को खारिज कर दिया। इसने कहा कि जवाबदेही उन नेताओं की है, जिन्होंने लोगों के जीवन और स्वास्थ्य की अनदेखी की। बता दें कि ट्रंप ने एक बार फिर से चीन को कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराया है। ट्रंप ने दुनिया के सभी देशों से चीन से हर्जाना मांगने को कहा है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका और सभी देशों से COVID-19 से हुए नुकसान के कारण चीन से मुआवजे की मांग करने का आह्वान किया। नॉर्थ कैरोलिना रिपब्लिकन कन्वेंशन में बोलते हुए ट्रंप ने कहा था कि समय आ गया है कि अमेरिका और दुनिया के सभी देश चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से क्षतिपूर्ति और जवाबदेही की मांग करें। हम सभी को एक स्वर में घोषणा करनी चाहिए कि चीन को हमारे नुकसान भुगतान करना होगा। उन्हें भुगतान करना ही होगा।


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