अमेरिका ने चीन की टेलीकॉम कंपनी हुआवे पर लगाए कारोबारी सूचनाएं चुराने के आरोप
अमेरिकी प्रशासन ने चीन की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी हुआवे पर कारोबार से जुड़ी खुफिया जानकारियां चुराने और ईरान पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के उल्लंघन का आरोप लगाया है
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी प्रशासन ने चीन की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी हुआवे पर कारोबार से जुड़ी खुफिया जानकारियां चुराने और ईरान पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। ये आरोप ऐसे समय में लगाए गए हैं जब अमेरिका और चीन के बीच 30 और 31 जनवरी को व्यापार वार्ता होने वाली है।
इस वार्ता के लिए चीन के उप प्रधानमंत्री लिउ ही की अगुआई में 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका पहुंच चुका है। ह्वाइट हाउस ने वार्ता और इन आरोपों को अलग-अलग मामला बताया है। वहीं चीन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया है।
अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने हुआवे और उसकी मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) मेंग वानझोऊ पर वित्तीय धोखाधड़ी के दर्जनभर आरोप लगाए हैं। मेंग को दिसंबर में कनाडा में गिरफ्तार किया गया था और अमेरिका उनके प्रत्यर्पण की तैयारी कर रहा है।
कंपनी के संस्थापक की बेटी मेंग अभी जमानत पर हैं। इस घटना से कनाडा और चीन के बीच भी तनातनी की स्थिति बनी हुई है। अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने हुआवे पर अमेरिकी कंपनी टी-मोबाइल से कारोबारी खुफिया जानकारी चुराने की कोशिश का आरोप लगाया है। हुआवे ने प्रतिस्पर्धी कंपनियों की गोपनीय जानकारियां लाने वाले कर्मचारियों को बोनस का लालच भी दिया। कंपनी पर ईरान पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के उल्लंघन का भी आरोप है।
कार्यवाहक अटॉर्नी जनरल मैथ्यू जी व्हाइटेकर ने कहा, 'आज हम टेलीकॉम कंपनी हुआवे और उसके अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की घोषणा करते हैं। मैंने चीनी अधिकारियों से अगस्त में कहा था कि चीन को कानून का पालन करने के लिए अपने नागरिकों और चीनी कंपनियों को जवाबदेह बनाना चाहिए।'
आरोपों के अनुसार हुआवे ने डाटा चोरी की शुरुआत 2012 में की थी। उस समय उसने अमेरिकी कंपनी टी-मोबाइल यूएसए के फोन टेस्टिंग रोबोट की जानकारी चुराने का प्रयास किया था। इस रोबोट से मिलता-जुलता रोबोट चीन में बनाने के लिए उसने खुफिया तरीके से इसकी तस्वीरें और अन्य जानकारियां हासिल की थीं। हुआवे अन्य कंपनियों से खुफिया जानकारी चुराने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहित करती थी।
अमेरिका की सुरक्षा को था खतरा
गृहमंत्री कर्स्टजेन नीलसन ने कहा कि हुआवे और उसकी सीएफओ ने अमेरिकी कानून का उल्लंघन किया और धोखाधड़ी वाली वित्तीय गतिविधियों में शामिल रहे। उन्होंने ऐसे कदम उठाए जो अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उन्होंने अमेरिकी प्रतिबंध के बाद भी ईरान से करोड़ों डॉलर का लेनदेन किया।
वित्त मंत्री विल्बर रोस ने कहा कि चीनी कंपनियां वर्षों से अमेरिकी निर्यात कानूनों और प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रही हैं। उन्होंने कहा, 'अब यह सब खत्म होगा। हमारे निर्यात कानूनों का उल्लंघन करने वालों पर ट्रंप प्रशासन पहले की सरकारों से ज्यादा सख्त है।'