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सूखे के कारण घटी अमेजन की कार्बन डाईऑक्साइड अवशोषण की क्षमता

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के शोध में यह सामने आया है कि ऐसा यहां एक मौसम में सूखा पड़ने के कारण हुआ है। इस घटना ने पर्यावरणविदों की चिंता को बढ़ा दिया है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 14 Aug 2018 10:23 AM (IST)Updated: Tue, 14 Aug 2018 10:23 AM (IST)
सूखे के कारण घटी अमेजन की कार्बन डाईऑक्साइड अवशोषण की क्षमता
सूखे के कारण घटी अमेजन की कार्बन डाईऑक्साइड अवशोषण की क्षमता

वाशिंगटन [प्रेट्र]। दक्षिणी अमेरिका में बसे दुनिया के सबसे बड़े वर्षा वन अमेजन की कार्बन डाईऑक्साइड अवशोषण क्षमता घट रही है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के शोध में यह सामने आया है कि ऐसा यहां एक मौसम में सूखा पड़ने के कारण हुआ है। इस घटना ने पर्यावरणविदों की चिंता को बढ़ा दिया है।

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द जनरल नेचर में प्रकाशित अध्ययन में पहली बार अमेजन के जंगलों पर सूखे के प्रभाव का अध्ययन किया गया। नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी और अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में वर्ष 2005 में पड़े भीषण सूखे के दौरान पेड़ों को हुए नुकसान और उनकी मौत के कारण को शामिल किया।

बता दें कि सामान्य मौसम के दिनों में जंगल प्राकृतिक कार्बन शोषक की तरह कार्य करते हैं और वातावरण से अधिक से अधिक कार्बन डाईऑक्साइड का अवशोषण करते हैं। 2005 से उपलब्ध डाटा के आधार पर कहा जा रहा है कि अमेजन घाटी में प्रतिवर्ष 27 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन की कमी आई है और इस दौरान कार्बन की दोबारा पूर्ति के निशान भी नहीं मिले हैं।

करीब 37 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला अमेजन धरती का सबसे बड़ा उष्णकटिबंधीय वन क्षेत्र है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह प्रकाश संश्लेषण के दौरान जीवाश्म ईंधन के उत्सर्जन का 10 फीसदी भाग अवशोषित करता है।

अध्ययन में शामिल नासा की लैबोरेटरी के सैसन साची का कहना है कि यह पारिस्थितिकी तंत्र गर्मी और सूखे की इस कदर चपेट में है कि इसके अवशोषण के बजाय अन्य श्रोतों पर निर्भर होने का खतरा बढ़ रहा है। उनका कहना है कि यदि 2005, 2010 और 2015 की तरह सूखा पड़ता रहा तो अमेजन के जंगलों को वर्षा वाले वन से सूखे वन बनने में देर नहीं लगेगी। इससे जंगल की कार्बन अवशोषण क्षमता घट जाएगी और जैव विविधता भी प्रभावित होगी।

शोधकर्ताओं का कहना है कि अमेजन वर्षा वाले वन हैं जिनके पेड़ों पर हमेशा पत्तियां रहती हैं। ऐसे में पत्तियों के गिरने का कारण है कि वृक्ष तनाव में हैं। ऐसी स्थिति में पेड़ पत्तियों का गिरना रोक भी लें तो उनकी कार्बन अवशोषण क्षमता प्रभावित होती है।

बड़े पेड़ों को ज्यादा नुकसान

शोधकर्ताओं ने बताया कि सूखे में सबसे ज्यादा नुकसान बड़े पेड़ों को होता है। बिना पर्याप्त वर्षा के ये 100 फुट से अधिक ऊंची पत्तियों तक पानी नहीं पहुंचा पाते हैं। धीरे-धीरे जल की कमी के कारण पत्तियां गिरने लगती हैं और इससे जंगल का छत्र कम हो जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि अमेजन में भी यही कारण सामने आए हैं। सूखे से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र में पेड़ों की ऊंचाई प्रतिवर्ष 0.88 मीटर कम हो रही है।  


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