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रेगिस्तानी इलाकों में अब हवा से बनेगा पानी, सौर ऊर्जा के सहारे वैज्ञानिकों ने किया सिस्टम तैयार

रेगिस्तानी इलाकों में रह रहे लोगों को इसकी मदद से नहीं होगी पानी की कमी

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 12:58 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 02:15 PM (IST)
रेगिस्तानी इलाकों में अब हवा से बनेगा पानी, सौर ऊर्जा के सहारे वैज्ञानिकों ने किया सिस्टम तैयार
रेगिस्तानी इलाकों में अब हवा से बनेगा पानी, सौर ऊर्जा के सहारे वैज्ञानिकों ने किया सिस्टम तैयार

लास एंजिलिस [प्रेट्र]। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सिस्टम विकसित किया है जो सिर्फ सौर ऊर्जा के सहारे वायु से पानी प्राप्त करवा सकता है। दुनिया में रेगिस्तानी इलाकों में रह रहे लोगों के लिए यह सिस्टम पानी हासिल करने का एक अच्छा जरिया बन सकता है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने जो प्रोटोटाइप विकसित किया है उसके जरिये दिन-रात के प्रत्येक चक्र में बहुत कम आद्र्रता में भी बेहद कम लागत में पानी प्राप्त किया जा सकता है। 

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किसी अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत नहीं
इस तकनीक का विकास करने वाले वैज्ञानिक ओमर यागी ने कहा, हमारा सिस्टम अधिक तापमान में सूर्य की भरपूर रोशनी का फायदा उठाते हुए काम करता है और इसमें किसी अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत नहीं होती। सौर ऊर्जा के अलावा अन्य किसी ऊर्जा की जरूरत न पड़ने के कारण आप इससे रेगिस्तान में भी पानी प्राप्त कर सकते हैं।

सिस्टम में पानी अवशोषित करने वाले तत्व
इस सिस्टम का परीक्षण स्काट्सडेल में किया गया, जहां रात में आर्द्रता अधिकतम 40 प्रतिशत और दिन के समय आठ प्रतिशत के स्तर तक पहुंच जाती है। इस सिस्टम में पानी अवशोषित करने वाले अधिक तत्व हैं। इसके तहत एक अत्यधिक पोरस मैटीरियल का इस्तेमाल किया गया है, जिसे मेटल आर्गेनिक फ्रेमवर्क यानी एमओएफ कहा जाता है।

गर्म करने पर तत्काल अवमुक्त भी करते हैं गैसें और द्रव
एमओएफ ऐसे ठोस होते हैं जिनमें बहुत अधिक चैनल और छिद्र होते हैं। उदाहरण के लिए शुगर क्यूब के आकार के एक एमओएफ में आंतरिक सतह का क्षेत्रफल फुटबाल के छह मैदानों के बराबर हो सकता है। ये सरफेस एरिया आसानी से गैसों और द्रवों को अवशोषित करते हैं, लेकिन ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि गर्म करने पर तत्काल इन्हें अवमुक्त भी कर देते हैं।

इतना पानी होगा प्राप्त
शोधकर्ताओं का अनुमान है कि महंगे मेटल जिरकोनियम से बने मौजूदा एमओएफ के जरिये वे प्रति किलोग्राम एमओएफ 200 मिलीलीटर पानी प्राप्त करने में सफल रहेंगे। शोधकर्ताओं ने एल्यूमीनियम आधारित एक नया एमओएफ भी बनाया है जो 150 गुना तक सस्ता है और करीब दो गुना अधिक पानी उत्पन्न कर सकता है।

इस तकनीक के प्रति दिखाई दे रही व्यावसायिक दिलचस्पी
यागी के मुताबिक इस तकनीक के प्रति व्यावसायिक दिलचस्पी भी दिखाई देने लगी है। इस दिशा में कई स्टार्ट-अप सामने आए हैं। व्यापक स्तर पर इस सिस्टम को तैयार करने से इसकी लागत बेहद ही कम आएगी। इसके अलावा इस सिस्टम से पानी बनाने की लागत भी नगण्य है क्योंकि यह केवल सौर ऊर्जा पर आधारित है। यही वजह है कि आने वाले दिनों में यह सिस्टम जल संकट से निबटने में कारगर साबित हो सकता है। 


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