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Agricultural Nitrogen Emission: कृषि के कारण हो रहा नाइट्रोजन उत्सर्जन भी बन रहा बड़ा खतरा

Agricultural Nitrogen Emission जार्ज आर ब्राउन स्कूल आफ इंजीनियरिंग में पर्यावरण विज्ञानियों के नेतृत्व में एक अध्ययन में सामने आया है कि खेती के कारण उत्सर्जित होने वाली नाइट्रोजन चिंता का विषय है। स्वास्थ्य और पर्यावर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 12:42 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 12:43 PM (IST)
Agricultural Nitrogen Emission: कृषि के कारण हो रहा नाइट्रोजन उत्सर्जन भी बन रहा बड़ा खतरा
Agricultural Nitrogen Emission: पर्यावरण प्रदूषण का बड़ा कारण बन रहा है। फोटो - प्रतीकात्मक

वाशिंगटन, एएनआइ। राइस यूनिवर्सिटी के जार्ज आर ब्राउन स्कूल आफ इंजीनियरिंग में पर्यावरण विज्ञानियों के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, नाइट्रोजन उत्सर्जन प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। जार्ज आर ब्राउन स्कूल आफ इंजीनियरिंग में पर्यावरण विज्ञानियों के नेतृत्व में एक अध्ययन में सामने आया है कि खेती के कारण उत्सर्जित होने वाली नाइट्रोजन चिंता का विषय है। यह स्वास्थ्य और जलवायु के लिए खतरा है।

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सिविल और पर्यावरण इंजीनियरिंग के एक सहयोगी प्रोफेसर डैनियल कोहन और स्नातक विद्यार्थी लीना लुओ के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में तीन वषों (2011, 2012 और 2017) में निषेचित मिट्टी से नाइट्रोजन आक्साइड, अमोनिया और नाइट्रस आक्साइड के उत्सर्जन की मात्र निर्धारित की गई है और वायु गुणवत्ता, स्वास्थ्य और जलवायु के आधार पर उनकी तुलना की गई है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, हालांकि, मौसमी और क्षेत्रीय प्रभाव उत्सर्जन के प्रकारों में भिन्न होते हैं। अध्ययन में पाया गया कि अमोनिया से कुल वार्षिक नुकसान नाइट्रोजन आक्साइड (12 बिलियिन डालर) और नाइट्रस आक्साइड (13 बिलियन डालर) की तुलना में 72 बिलियन डालर से अधिक था। वायु प्रदूषण के नुकसान को मृत्यु दर और रुग्णता और सांख्यिकीय जीवन के मूल्य से मापा जाता है, जबकि जलवायु परिवर्तन से मुद्रीकृत नुकसान में फसलों, संपत्ति, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरे शामिल हैं।

इस आधार पर, शोधकर्ताओं ने अमोनिया और नाइट्रोजन आक्साइड से वायु प्रदूषण से होने वाले स्वास्थ्य प्रभाव को पाया, जो छोटे कण और ओजोन बनाने के लिए प्रतिक्रिया करते हैं। सभी क्षेत्रों और वषों में नाइट्रस आक्साइड से जलवायु प्रभाव को काफी हद तक पछाड़ दिया।

सबसे अधिक सामाजिक लागत कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा और मिडवेस्ट के कृषि क्षेत्रों से उत्पन्न हुई, जहां अमोनिया और नाइट्रोजन आक्साइड आबादी वाले इलाकों में वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं। दोनों प्रदूषकों के लिए उर्वरकों को लागू करने के बाद बसंत ऋतु में उत्सर्जन चरम पर होता है। अमेरिकन केमिकल सोसाइटी जर्नल एनवायरनमेंटल साइंस एंड टेक्नोलाजी में अध्ययन के निष्कर्ष प्रकाशित किए गए हैं। इसमें बताया गया है कि वायु प्रदूषण, स्वास्थ्य और जलवायु सभी को भविष्य के आकलन में माना जाना चाहिए कि कृषि पद्धतियां प्रतिक्रियाशील नाइट्रोजन उत्सर्जन को कैसे प्रभावित करती हैं।

ल्यू नो के मुताबिक, हम हमेशा इस बारे में ही बात करते हैं कि कैसे कार्बन डाइआक्साइड और मिथेन गैस जलवायु परिवर्तन में अहम भूमिका निभाती हैं, लेकिन वैश्विक रूप से देखें तो नाइट्रस आक्साइड ग्लोबल वामिर्ंग के लिए कार्बन डाइआक्साइड की तुलना में लगभग 300 गुना अधिक शक्तिशाली है। उन्होंने कहा कि ग्रीनहाउस गैसों को कम करने वाली कृषि नीतियां वायु प्रदूषकों को बढ़ा सकती हैं। कोहन ने कहा, अध्ययन से पता चलता है कि कृषि उत्सर्जन को नियंत्रित करने के महत्व को वायु गुणवत्ता प्रबंधन और जलवायु नीति द्वारा बड़े पैमाने पर उपेक्षित किया गया है, यहां तक कि पर्यावरण संरक्षण एजेंसी वायु गुणवत्ता मानकों को कड़ा करने पर विचार करती हैं। उन्होंने कहा कि फेडरर एजेंसियों ने परिवहन और औद्योगिक उत्सर्जन को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित किया है। अमेरिका में कृषि हानिकारक नाइट्रोजन प्रदूषक का सबसे बड़ा स्नोत है। यह समस्या जलवायु परिवर्तन और फसल उत्पादन में वृद्धि से बढ़ी है।

कोहेन ने कहा, हमारा दल कई वषों से नाइट्रोजन आक्साइड उत्सर्जन का अध्ययन कर रहा था। इस दौरान हमने यह महसूस किया कि हम सिर्फ इस पर ही ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते। हमें कई और चीजों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत थी। हमें मिट्टी से आने वाले उत्सर्जन की सीमा पर विचार करने की जरूरत है। हम विभिन्न वायु प्रदूषकों और कृषि मिट्टी से निकलने वाली ग्रीनहाउस गैसों के सापेक्ष प्रभावों के बारे में उत्सुक हो गए। हमारी प्रेरणा का एक बड़ा हिस्सा यह महसूस कर रहा था कि खेती के तरीकों में विकल्प कुछ उत्सर्जन को बढ़ा सकते हैं और अन्य उत्सर्जन नीचे जा सकते हैं।


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