डाटा लीक के बाद शक के घेरे में वाट्सएप, फेसबुक को देनी पड़ी सफाई
फेसबुक डाटा लीक के बाद संदेह के घेरे में आए वाट्सएप की सफाई, कहा- हम बहुत कम संदेशों को एकत्र करते हैं और सभी संदेश कोड फार्म में होते हैं।
वॉशिंगटन (पीटीआइ)। डाटा लीक में फेसबुक के घिरने के बाद उसकी स्वामित्व वाली लोकप्रिय मैसेजिंग सर्विस वाट्सएप भी संदेह के घेरे में आ गई है। हालांकि वाट्सएप पर उठने वाले सवालों के बाद फेसबुक की प्रतिक्रिया सामने आई है। वाट्सएप पर आरोप लगाया गया कि वह यूजर्स के संदेशों का रिकॉर्ड रखता है। जिस पर फेसबुक का कहना है कि वे बहुत कम डाटा एकत्र करते हैं और सभी मैसेज शुरू से अंत तक एन्क्रिप्टेड होते हैं।
क्या है एन्क्रिप्शन (Encryption)?
एन्क्रिप्शन एक हाई लेवल का सिक्योरिटी सिस्टम है, जिसमें हमारे फोन के डाटा को एक कोड फार्म में बदल दिया जाता है जो कि सिर्फ सही चाबी (Key) से ओपन किया जा सके। यह नॉर्मल सिक्योरिटी नहीं होती है, यह एडवांस सिक्योरिटी ऑप्शन है जिससे केवल एक Unique Key से डाटा को डीक्रिप्ट (कोड भाषा से सामान्य भाषा में बदलना) किया जा सकता है।
विशेषज्ञों की चिंताओं पर वाट्सएप का जवाब
वाट्सएप विशेषज्ञों की चिंताओं का जवाब दे रहा था। जिसमें विशेषज्ञों ने यह संदेह जताया था कि यह उतना सुरक्षित नहीं है, जितना दावा किया जाता है। बता दें कि फेसबुक ने साल 2014 में वाट्सएप को अधिग्रहीत किया था। भारत में इस मैसेजिंग सर्विस के 20 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं, जबकि पूरी दुनिया में इसके एक अरब उपयोगकर्ता हैं। इसके साथ ही यूजर्स एग्रीमेंट के कुछ प्रावधानों पर भी सवाल उठाए जा रहे है। जिसके जवाब में वाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा, 'वाट्सएप बहुत कम डाटा एकत्र करता है और हर मैसेज शुरू से लेकर अंत तक कोड भाषा में होता है। यानी कि एन्क्रिप्शन फार्म में होता है। हम आपके द्वारा मित्रों और परिवार वालों को भेजे गए मैसेज का ट्रैक नहीं रखते हैं।' वाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा, 'हमारे यूजर्स की गोपनीयता और सुरक्षा वाट्सएप के लिए महत्वपूर्ण है।'
वाट्सएप की सफाई
प्रवक्ता ने कहा कि इनवाइट लिंक ग्रुप ऐडमिनिस्ट्रेटर के लिए वैकल्पिक सुविधा के रूप में उपलब्ध होता है, लेकिन इसका इस्तेमाल केवल विश्वसनीय व्यक्तियों के साथ किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया, 'जब भी कोई नया सदस्य किसी ग्रुप में जुड़ता है तो सभी सदस्यों को एक नोटिफिकेशन जाता है। जिसमें यह पता चलता है कि क्या व्यक्ति को ग्रुप लिंक के जब भी कोई नया सदस्य किसी समूह में जुड़ जाता है तो सभी सदस्यों को एक अधिसूचना प्राप्त होती है जिसमें शामिल है कि क्या व्यक्ति को समूह लिंक के माध्यम से जोड़ा गया या सीधे व्यवस्थापक द्वारा जोड़ा गया है या फिर सीधे ग्रुप ऐडमिनिस्ट्रेटर ने उसे जोड़ा है। ग्रुप के सदस्य हमेशा अपने फोन नंबर और उनके नाम सहित ग्रुप के सदस्यों को दिखाई देते हैं। एक क्लिक के साथ ग्रुप को छोड़ने की सुविधा या अवांछित संदेशों को ब्लॉक करने की सुविधा भी उपलब्ध है।'
2014 में फेसबुक ने खरीदा वाट्सएप
बता दें कि साल 2014 में फेसबुक ने वाट्सएप का मालिकाना हक खरीद लिया था। इसके पूरी दुनिया में एक अरब से भी ज्यादा यूजर्स हैं। यह भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय मैसेजिंग सर्विस एप है। कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल के सामने आने के बाद वाट्सएप भी आलोचकों के निशाने पर आ गया है।
शीर्ष अमेरिकी प्रौद्योगिकी उद्यमी विवेक वाधवा ने कहा, 'यूजर्स के बीच संवाद कूटभाषा में उतना ही सुरक्षित हो सकता है, जितना वाट्सएप दावा करता है। लेकिन कॉल के बारे में सूचना आदि के डाटा का कंपनी उपयोग कर सकती है। वाट्सएप यह मान चुकी है कि वह फेसबुक के साथ यूजर्स की पहचान और उपकरण संबंधी सूचना साझा करती है। इससे फेसबुक यूजर्स की जासूसी जैसे गलत काम की छूट मिलती है।' उन्होंने कहा, 'मुझे यह सबसे ज्यादा चिंताजनक बात मिली कि वाट्सएप ग्रुप चैट फीचर में किसी भी ग्रुप सदस्य को कैंब्रिज एनालिटिका की तरह डाटा का पता लगाने की अनुमति होती है। इससे मोबाइल नंबरों को जाहिर कर लोगों को परेशान किया जा सकता है।' वाधवा ने कहा, 'एक दोस्त ने मुझे बताया कि वह और उसका परिवार वाट्सएप पर एक ग्रुप से जुड़ा था। समय गुजरने के साथ यह समूह बड़ा होता गया और वह इस बात को लेकर चिंतित हो गया था कि ग्रुप के अजनबी लोग भी उनके बच्चों से संपर्क कर सकते हैं।' वाधवा ने कहा कि सूचना को सुरक्षित रखने के मसले पर वाट्सएप कंपनी का दोहरा चेहरा है। वह फेसबुक को संवेदनशील जानकारी मुहैया कराती है और यह दावा करती है कि वह बातचीत को जाहिर नहीं कर सकती है। न्यूयॉर्क के जानेमाने भारतीय मूल के वकील रवि बत्रा ने यूजर समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि किसी विवाद पर वाट्सएप के यूजर्स के लिए कोर्ट नहीं जाने की शर्त होती है।
27 लाख यूरोपीय यूजर्स के डाटा लीक
यूरोपीय यूनियन ने बताया कि फेसबुक डाटा लीक से 27 लाख से ज्यादा यूरोपीय देश के यूजर्स प्रभावित हो सकते हैं। इस बारे में इस सोशल नेटवर्किंग साइट से जवाब तलब किया जाएगा। यह जानकारी यूरोपीय यूनियन के प्रवक्ता ने दी। फेसबुक ने गुरुवार को माना था कि 5.62 लाख भारतीयों समेत उसके 8.70 करोड़ यूजर्स के डाटा का इस्तेमाल ब्रिटिश कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने किया।
फेसबुक ने जुकरबर्ग के संदेशों को हटाया
फेसबुक ने यह स्वीकार किया कि वह मार्क जुकरबर्ग द्वारा मैसेंजर पर भेजे गए संदेशों को गोपनीय तरीके से हटा रही है। प्रौद्योगिकी वेबसाइट टेकक्रंच ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जुकरबर्ग द्वारा भेजे गए पहले के संदेश फेसबुक इनबॉक्स में अब दिखाई नहीं पड़ रहे हैं।