Move to Jagran APP

Improve Memory: याददाश्त बढ़ानी हो तो खाएं यह फल, डिमेंशिया भी रहेगा दूर, 'बैड कोलेस्‍ट्राल' भी होगा कंट्रोल

यदि भोजन में एक फल को शामिल करने से याद्दाश्त और दिमागी कामकाज में सुधार आ सकता है। वैज्ञानिकों की मानें तो इसके सेवन से डेमेंशिया जैसे रोग नहीं होते हैं। खासकर प्रौढ़ावस्था में इसका सेवन अधिकाधिक करना चाहिए।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 06:28 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 06:28 PM (IST)
Improve Memory: याददाश्त बढ़ानी हो तो खाएं यह फल, डिमेंशिया भी रहेगा दूर, 'बैड कोलेस्‍ट्राल' भी होगा कंट्रोल
वैज्ञानिकों ने याद्दाश्त बढ़ाने का एक सरल उपाय बताया है। (File Photo)

लंदन, आइएएनएस। अपने भोजन में करौंदे (cranberries) को शामिल करने से याद्दाश्त और दिमागी कामकाज में सुधार आ सकता है। इसके सेवन से डेमेंशिया जैसे रोग नहीं होते हैं। खासकर प्रौढ़ावस्था के लोगों को इसका सेवन अधिकाधिक करना चाहिए। इसको खाने से 'बैड कोलेस्ट्रोल' भी कम होता है। एक नए शोध के मुताबिक करौंदे में तंत्रिका तंत्र को सुरक्षित रखने की भी क्षमता होती है।

loksabha election banner

शोध ये निष्कर्ष 'फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन' में प्रकाशित हुए हैं। पचास से अस्सी साल के लोगों पर हुए शोध में पाया गया कि कुछ अरसे बाद उनकी स्मृति में काफी सुधार हुआ था। तंत्रिका तंत्र की प्रणाली और दिमाग तक रक्त पहुंचना और सहज व बेहतर हो गया। आगे के शोध के प्रतिभागियों में 'बैड कोलेस्ट्रोल' भी कम हो गया।

दरअसल 'बैड कोलेस्ट्रोल' हृदय रोगों के लिए घातक साबित होता है, क्योंकि इसके बढ़ने से धमनियां (आर्टरीज) मोटी और सख्त हो जाती हैं। ब्रिटेन में ईस्ट एंगलिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि करौंदे के सेवन से दिल तो सेहतमंद होता ही है, संज्ञानात्मक यानी पहचान करने की क्षमता बढ़ जाती है। मानवों के करौंदे का लंबे समय तक सेवन करने से दिमागी क्षमता बढ़ने की पुष्टि करने वाला अपने आप में यह पहला शोध है।  

हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक अध्‍ययन में पाया है कि अनानास के तने का अर्क अल्जाइमर से लड़ने में मददगार हो सकता है। मालूम हो कि अल्जाइमर एक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है जिसमें सामान्य तौर पर धीरे-धीरे स्मरण शक्ति कमजोर होने लगती है। वैज्ञानिकों की मानें तो ऐसा मस्तिष्क में एमिलाइड-बीटा प्रोटीन के स्तर में वृद्धि के कारण होता है। अल्जाइमर की गंभीर अवस्था में मरीज अपनी गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं रख पाता...


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.