Move to Jagran APP

नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, पीएम ओली ने कीं भारत के खिलाफ ये तीन बड़ी गलतियां

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल के प्रवक्ता और पार्टी के केंद्रीय सचिवालय के सदस्य नारायणकाजी श्रेष्ठ ने प्रधानमंत्री के बयान को गैर कूटनीतिक करार दिया

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 07:09 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 07:12 PM (IST)
नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, पीएम ओली ने कीं भारत के खिलाफ ये तीन बड़ी गलतियां
नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, पीएम ओली ने कीं भारत के खिलाफ ये तीन बड़ी गलतियां

काठमांडू, प्रेट्र। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने हाल ही में 'गैर कूटनीतिक' और भारत विरोधी 'उकसाने वाला' बयान देकर तीन 'गलतियां' की हैं। नेपाल में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने यह टिप्पणी की है। इस्तीफा सौंपने की मांग का सामना कर रहे नेपाल के प्रधानमंत्री इन दिनों चौतरफा दबाव में घिरे हुए हैं।

loksabha election banner

पिछले महीने प्रधानमंत्री ओली ने आरोप लगाया था कि भारत ने उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ मिलकर उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश रची है। उन्होंने यह टिप्पणी नेपाल का नक्शा फिर से तैयार करने संबंधी विधेयक को मंजूरी देने के एक सप्ताह बाद की थी। इस विधेयक में भारत और नेपाल के बीच विवाद के केंद्र में आने वाले लिपुलेख पहाड़ी दर्रा, कालापानी और लिंपियाधुरा इलाके का नेपाली क्षेत्र के रूप में सीमांकन करने की बात कही गई थी।

दबाव का सामना कर रहे ओली ने पिछले महीने एक और दावा कर विवाद पैदा कर दिया। उन्होंने कहा कि असली अयोध्या भारत में नहीं, बल्कि नेपाल में है। भगवान राम का जन्म दक्षिणी नेपाल के थोरी में हुआ था।

पीएम ओली के बयान गैर कूटनीतिक

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल के प्रवक्ता और पार्टी के केंद्रीय सचिवालय के सदस्य नारायणकाजी श्रेष्ठ ने प्रधानमंत्री के बयान को गैर कूटनीतिक करार दिया। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत के विरुद्ध टिप्पणी कर भारी भूल की है। ऐसे समय में जब दक्षिणी पड़ोसी देश के साथ वार्ता के माध्यम से सीमा मुद्दे का समाधान जरूरी है तब उन्होंने ऐसा किया है।'

भारत के खिलाफ पीएम ओली की ये हैं तीन बड़ी गलतियां

हिमालयन टीवी को दिए गए साक्षात्कार में श्रेष्ठ ने कहा कि पहली गलती भारत के प्रतीक सत्यमेव जयते के बारे में चिढ़ाने वाले अंदाज में टिप्पणी किया जाना था। दूसरी गलती अपनी सरकार को अस्थिर करने के लिए भारत पर साजिश रचने का निराधार आरोप लगाना था। उनकी तीसरी गलती भगवान राम का जन्म स्थान नेपाल में बीरगंज के समीप होने का दावा करना था।

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा आठ मई को 80 किलोमीटर लंबी रणनीतिक महत्व की सड़क का उद्घाटन करने के बाद नेपाल के साथ भारत के द्विपक्षीय रिश्ते में तनाव पैदा हो गया है। यह सड़क उत्तराखंड में धारचुला के साथ लिपुलेख दर्रे को जोड़ती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.