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नई डिवाइस से साफ होगी प्रदूषित हवा, वैज्ञानिकों ने ईजाद किया यह तरीका

वैज्ञानिकों का दावा है कि इसके जरिये वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों के स्तर को कम करने के साथ-साथ नई रणनीतियां बनाने में मदद मिल सकती है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 09:35 AM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 09:36 AM (IST)
नई डिवाइस से साफ होगी प्रदूषित हवा, वैज्ञानिकों ने ईजाद किया यह तरीका
नई डिवाइस से साफ होगी प्रदूषित हवा, वैज्ञानिकों ने ईजाद किया यह तरीका

बोस्टन, प्रेट्र। प्रदूषित हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को निकालने के लिए अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक नया तरीका ईजाद किया है। इसके लिए उन्होंने एक नए उपकरण की मदद ली है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इसके जरिये वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों के स्तर को कम करने के साथ-साथ नई रणनीतियां बनाने में मदद मिल सकती है।

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अमेरिका की मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के शोधकर्ताओं ने वैज्ञानिकों के साथ मिलकर यह तरीका विकसित किया है। शोधकर्ताओं ने कहा, ‘हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को निकालने के अधिकांश तरीकों में उच्च सांद्रता की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि वर्तमान में मौजूद ज्यादातर उपकरण हवा से कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को तभी कम करते हैं जब वायुमंडल में उनका स्तर ज्यादा होता है। लेकिन नई विधि के जरिये हवा में बहुत कम सांद्रता होने पर भी कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकाला जा सकता है।’ उन्होंने बताया कि नए तरीके में काफी ऊर्जा की खपत होती है और इसके जरिये वर्तमान में वायुमंडल से 400 पाट्र्स पर मिलियन (पीपीएम) ग्रीन हाउस गैसों को सोखा जा सकता है।

यह अध्ययन एनर्जी एंड इन्वायरमेंटल साइंस नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें बताया गया है कि प्रदूषित हवा को सोखने वाली यह डिवाइस एक विशेष बैटरी जुड़ी हुई है, जो इलेक्ट्रोड की मदद से इसकी सतह से गुजर रही हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर लेती है। जब हवा इसकी सतह पर रहती है तो यह डिवाइस चार्ज होती है, लेकिन डिस्चार्ज की अवस्था में हवा बाहर आ जाती है।’ शोधकर्ताओं ने कहा, ‘यह डिवाइस पहले ग्रीन हाउस गैसों को अवशोषित करती है और उसके बाद पहले साफ हवा को छोड़ती है और अंत में कार्बन डाइऑक्साइड को भी छोड़ देती है और यह प्रक्रिया बारी-बारी से चलती रहती है।’

दो चक्रों में काम करती है डिवाइस

शोधकर्ताओं ने कहा कि यह डिवाइस दो चक्रों में काम करती है- चार्जिंग और डिस्चार्ज। चार्जिंग के दौरान डिवाइस हवा को अवशोषित करती है और साफ हवा को बाहर करती रहती है। जब डिवाइस का सिलेंडर भर जाता है तो कार्बन डाइऑक्साइड को भी बाहर कर देती है। इस अवस्था को डिस्चार्ज कहा जाता है।

प्रदूषित शहरों के लिए होगा फायदेमंद

शोधकर्ताओं ने कहा, ‘वर्तमान में दुनिया के कई शहर गंभीर प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं और लोग श्वास संबंधी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में यह उपकरण हवा को साफ कर के लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने में मदद कर सकता है। साथ ही इस डिवाइस का एक फायदा यह भी है कि जब यह कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ती है तो हम उसे स्टोर भी कर सकते हैं।’

ऐसे करता है काम

अध्ययन में बताया गया है कि जब हवा इस डिवाइस की सतह से गुजरती है तो इसमें लगी परतों में इलेक्ट्रोड की मदद से रासायनिक प्रतिक्रिया शुरू होती है। इलेक्ट्रोड में कार्बन नैनोट्यूब के साथ पॉलीथ्राक्विनकॉन नामक यौगिक लिपटे हुए होते हैं, जो इसका काम आसान कर देते हैं। इस दौरान पहले साफ हवा डिवाइस से बाहर आती है और उसके बाद कार्बन डाइऑक्साइड रिलीज होती है।


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