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रात की अच्छी नींद कम कर सकती है शिशुओं में मोटापे का खतरा, जानिए और क्या कहता है ये शोध

एंगल एक्टिग्राफी वाच एक प्रकार का उपकरण है जिसके जरिये शिशुओं की गतिविधियों और आराम के कई दिनों का ब्योरा जुटाया जा सकता है। बच्चों के विकास का आकलन के लिए विज्ञानियों ने शिशु की ऊंचाई और वजन का आकलन किया और इसके जरिये उनका बाडी मास्क इंडेक्स तैयार किया।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 05:28 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 05:28 PM (IST)
रात की अच्छी नींद कम कर सकती है शिशुओं में मोटापे का खतरा, जानिए और क्या कहता है ये शोध
स्लीप नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है इसका अध्ययन

वाशिंगटन एएनआइ। शोधकर्ता लंबे समय से बता रहे हैं कि रात की बेहतरीन नींद अच्छी सेहत के लिए जरूरी है। हालांकि, बहुत कम ही अध्ययन इस बात की अहमियत को रेखांकित करते हैं कि जीवन के प्रारंभिक महीनों में रात की अच्छी नींद कितनी अहम होती है। ब्रिघम एंड वीमेंस हास्पिटल, मैसाचुसेट्स जनरल हास्पिटल व उनके सहयोगियों से जुड़े शोधकर्ताओं के एक नए शोध में जानकारी सामने आई है कि जो नवजात रात में ज्यादा सोते और कम जागते हैं, उनमें शैशवावस्था में मोटापे की आशंका कम होती है।

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इस शोध निष्कर्ष का स्लीप नामक पत्रिका में प्रकाशन हुआ है। ब्रिघम के डिवीजन आफ स्लीप एंड सर्कैडियन डिसआर्डर्स में सीनियर फिजिशियन और अध्ययन की सह लेखिका सुसन रेडलाइन के अनुसार, 'हमारे नए अध्ययन में पता चला है कि न सिर्फ रात में नींद की कमी, बल्कि की लंबे समय तक जागे रहने से भी पहले छह महीने के दौरान शिशुओं में मोटापे का खतरा बढ़ जाता है।'

रेडलाइन व उनके सहयोगियों ने वर्ष 2016-18 के बीच मैसाचुसेट्स जनरल हास्पिटल में जन्मे 298 नवजातों पर यह अध्ययन किया। टीम ने एंकल एक्टिग्राफी वाच के जरिये नवजातों की हरकतों पर नजर रखी। एंगल एक्टिग्राफी वाच एक प्रकार का उपकरण है, जिसके जरिये शिशुओं की गतिविधियों और आराम के कई दिनों का ब्योरा जुटाया जा सकता है। बच्चों के विकास का आकलन के लिए विज्ञानियों ने शिशु की ऊंचाई और वजन का आकलन किया और इसके जरिये उनका बाडी मास्क इंडेक्स (बीएमआइ) तैयार किया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ग्रोथ चार्ट के 95 परसेंटाइल या उससे ज्यादा पाए जाने पर शिशुओं को मोटापे की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर बच्चा एक घंटा भी अतिरिक्त सोता है तो उसके मोटापाग्रसित होने का खतरा 26 फीसद कम हो जाता है और जो बच्चे रात में बहुत कम जागते हैं उनके मोटा होने का खतरा अत्यंत कम हो जाता है। विज्ञानियों का मानना है कि इस पहलू पर स्वनियमन की भी जरूरत है, क्योंकि मोटापे का संबंध अत्यधिक खानपान से भी हो सकता है।


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