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9/11 के वो गुमनाम हीरो, जिन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस को हमले से बचा लिया

11 सितंबर 2001 को अमेरिका में भीषण आतंकी हमला हुआ था। चार हाइजैक विमानों में से दो वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर और एक पेंटागन से जा टकराया था। चौथे विमान की कहानी बड़ी ही रोचक है।

By Digpal SinghEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 01:20 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 01:56 PM (IST)
9/11 के वो गुमनाम हीरो, जिन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस को हमले से बचा लिया
9/11 के वो गुमनाम हीरो, जिन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस को हमले से बचा लिया

नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। अमेरिका में हुए अब तक से सबसे भीषण आतंकी हमले को 18 साल का लंबा वक्त गुजर चुका है। साल 2001 में आज ही के दिन यानि 11 सितंबर को ही यह भीषण आतंकी हमला हुआ था। इतना लंबा वक्त गुजर जाने के बावजूद यह घटना हर किसी के जेहन में इतनी ताजा है कि ऐसा लगता है जैसे कल की ही बात है। आतंकियों ने यात्री विमानों को हथियार बनाकर न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर हमला बोला, जिसमें करीब 3000 लोग मारे गए थे। दो विमानों ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर को निशाना बनाया, जबकि एक विमान अमेरिका के रक्षा मंत्रालय यानि पेंटागन की बिल्डिंग पर टकराया। एक और यानी चौथा विमान भी आतंकियों ने हाइजैक किया था, जिसका संभावित निशाना अमेरिका का राष्ट्रपति भवन यानि व्हाइट हाउस था। विमान में मौजूद यात्रियों की सूझबूझ के चलते यह विमान व्हाइट हाउस तक पहुंच ही नहीं पाया। यहां पढ़ें विमान में मौजूद उन 44 लोगों के साहस की अद्भुत कहानी...

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क्या हुआ उस दिन
मंगलवार का दिन था। अभी कुछ ही देर पहले सुबह हुई थी और लोग अपने-अपने दफ्तरों में पहुंचे ही थे, कुछ लोग जल्दी-जल्दी में दफ्तर की तरफ बढ़ रहे थे। अलकायदा के 19 आतंकवादियों ने उस दिन अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को हिला डालने की साजिश रची थी। सुबह के वक्त एयरपोर्ट की सुरक्षा में सेंध लगाकर यह आतंकी हथियारों के साथ चार विमानों में सवार हो गए और जल्द ही इन्होंने विमानों का अपहरण कर लिया। दो विमान न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की ओर बढ़े और एक-एक कर दोनों टावर्स से जा टकराए। ट्रेड सेंटर की नॉर्थ टावर से सुबह 8.45 बजे जो विमान टकराया वह अमेरिकी एयरलाइंस का बोइंग 767 विमान था और इसमें 20 हजार गैलन जेट फ्यूल भरा हुआ था। तीसरे विमान ने वॉशिंगटन डीसी के बाहर पेंटागन को अपना निशाना बनाया। चौथा विमान (यूनाइटेड फ्लाइट 93) पेन्सिलवेनिया के शांक्सविले में एक खेत में क्रैश हो गया। माना जाता है कि इस चौथे विमान का निशाना व्हाइट हाउस था।

विमान के उड़ान में देरी से हुआ फायदा
न्यूजर्सी से उड़ान भरने वाले यूनाइटेड फ्लाइट 93 विमान को कैलिफोर्निया जाना था। इस विमान की उड़ान में देरी हुई और विमानयात्री काफी देर तक विमान के अंदर बैठकर उसकी उड़ान का इंतजार करते रहे। इसी दौरान न्यूयॉर्क के ट्विन टावर्स और पेंटागन पर हमले के लिए निकले तीनों विमान उन बिल्डिंगों से टकरा चुके थे। उड़ान के इंतजार में न्यूजर्सी के नेवार्क लिबर्टी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर विमान के अंदर बैठे कई यात्रियों को फोन के जरिए इस आतंकी हमले की खबर लग चुकी थी। इस बीच यूनाइटेड फ्लाइन 93 के हाइजैक होने की भी खबर लग चुकी थी। अब कुछ यात्रियों और विमान के अटेंडेंट्स ने आतंकियों से लोहा लेने का प्लान बनाया।

'मैं जानता हूं हम मरने वाले हैं'
विमान हाईजैक होने के बाद यूनाइटेड फ्लाइट 93 विमान में मौजूद एक यात्री थॉमस बुर्ने जूनियर ने अपनी पत्नी को फोन किया। उन्होंने अपनी पत्नी से कहा, 'मैं जानता हूं हम मरने वाले हैं। हममें से तीन लोग आतंकियों से लड़ने जा रहे हैं। आई लव यू हनी।' एक अन्य यात्री टॉड बीमर को एक ओपन लाइन पर यह बोलते हुए सुना गया, 'क्या आप लोग तैयार हैं? लेट्स रोल।'

फ्लाइट अटेंडेंट के वो आखिरी शब्द
विमान में मौजूद एक फ्लाइट अटेंडेंट सैंडी ब्रैडशॉ ने अपने पति को फोन करके कहा, 'मैं एक गलियारे में हूं और सुराही में गर्म पानी भर रही हूं। सब लोग फर्स्ट क्लास की तरफ भाग रहे हैं। मुझे अब जाना होगा, बाय...'

चार आतंकियों से भिड़ गए यात्री
यात्रियों को अब तक पता चल चुका था कि उनका विमान भी हाईजैक हो गया है और अब उनमें से शायद ही कोई जिंदा बचेगा। इस बीच कुछ यात्रियों ने गजब का साहस दिखाया। यात्री विमान के अंदर मौजूद चार आतंकवादियों से भिड़ गए। यात्रियों ने कॉकपिट में घुसे आतंकियों पर हमला बोल दिया। विमान हवा में पलट गया और अब 500 मील प्रति घंटे की रफ्तार से जमीन की तरफ गिरने लगा। अंतत: सुबह 10.10 बजे यह विमान पश्चिमी पेन्सिलवेनिया के शांक्सविले में एक खेत में जा गिरा। विमान में मौजूद सभी 44 लोगों की मौत हो गई।

व्हाइट हाउस था आतंकियों का निशाना!
यूनाइटेड फ्लाइट 93 विमान के यात्रियों ने आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया था। भले ही उनमें से किसी की भी जान नहीं बची, लेकिन उन्होंने किसी बड़े संभावित टारगेट को निशाना बनने से रोक दिया। हालांकि, यह आज तक पता नहीं चल सका कि इस विमान हो हथियार बनाकर आतंकी कहां हमला करना चाह रहे थे। आतंकियों के संभावित निशानों में व्हाइट हाउस, द यूएस कैपिटल, मैरिलैंड स्थित द कैंप डेविड प्रेसिडेंशियल रिट्रीट और देशभर में मौजूद कई न्यूक्लियर पावर प्लांट हो सकते थे।


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