जानें, Howdy Modi मेगा शो के 5 बड़े फैक्टर, मंच साझा करने को मजबूर हुए ट्रंप
Howdy Modi event चीन और पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक पराजय थी। वहीं रूस और विकसित मुल्कों की नजर ट्रंप के भाषण पर टिकी थीं।
नई दिल्ली, जेएनएन। आज दुनिया की नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर टिकी थीं। टेक्सस में हाउडी मोदी मेगा शो में चीन और पाकिस्तान की चिंताए दूसरी थीं, तो रूस समेत दुनिया के विकसित मुल्कों में अलग तरह की बेचैनी थी। इस कार्यक्रम की सफलता के बाद पाकिस्तान और चीन तो पूरी तरह से चित हो गए। चीन और पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक पराजय थी। वहीं रूस और विकसित मुल्कों की नजर ट्रंप के भाषण पर टिकी थीं। वह ट्रंप की रियायतों पर टकटकी लगाए बैठे थे। उनकी नजरें इस बात पर थीं कि आखिर आज ट्रंप भारत को क्या गिफ्ट करेंगे। आइए जानते हैं उन पांच बड़े कारणों को, जिसने इस कार्यक्रम को मेगा शो में तब्दील कर दिया।
1- भारत अमेरिका की सामरिक जरूरत
हाउडी मोदी कार्यक्रम की सफलता का एक बड़ा राज दक्षिण एशिया में भारत की मजबूत स्थिति है। दरअसल, एशिया में चीन की विस्तारवादी नीति अमेरिका को लगातार खटक रही है। चीन एशिया में व्यापार के नाम पर जिस तरह से अपनी सामरिक छावनी बनाने में जुटा है, वह अमेरिका को रास नहीं आ रहा है। ऐसे में भारत अमेरिका का नैसर्गिक मित्र बनकर उभरा है। अब अमेरिका और पाकिस्तान के पूर्व जैसे रिश्ते नहीं रहे। अब वह भारत के जरिए चीन काे नियंत्रित करना चाहता है। यहां भारत और अमेरिकी हितों में समानता देखी जा सकती है। भारत भी चीन के साथ लगातार सीमा विवाद की समस्या झेल रहा है।
2- भारतीय मूल के लोगों का दबदबा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाउडी मोदी मेगा शो में जितनी दिलचस्पी राष्ट्रपति ट्रंप की दिखी उतनी ही विपक्षी डेमोक्रेट्स की भी। इसके पीछे की वजह साफ है। यह भारत और अमेरिका के आपसी संबंधों की बढ़ती अहमियत को दर्शाता है। अमेरिका की नजरों में देश का कद बढ़ा है। दरअसल, यह भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय की ताकत है। कुल अमेरिकी जनसंख्या की 20 फीसद आबादी एशियाई मूल के लोगों की है। इसमें सर्वाधिक भारतीय हैं। जिस तरह से अमेरिकी राजनीति में भारतीयों का दबदबा बढ़ा है, उसकी वजह से अमेरिका में इसको तवज्जो देना उसकी मजबूरी है।
3- भारत आर्थिक महाशक्ति, अमेरिका ने माना लोहा
21वीं सदी में भारत आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। अमेरिका समेत विकसित मुल्कों को इसकी भनक है। भारत में लंबे समय बाद राजनीतिक स्थिरता का दौर शुरू हुआ है। इस राजनीतिक स्थिरता का लाभ निश्चित रूप से देश के आर्थिक विकास पर पड़ेगा। इसके साथ भारत एक बड़ा बाजार है। इस बाजार पर भी दुनिया की नजर है। आर्थिक महाशक्ति और बाजार ने भारत को दुनिया का केंद्र बिंदु बना दिया है। अमेरिका इसको अपने बड़े बाजार के रूप में देख रहा है।
4- टीम मोदी की कड़ी मेहनत की जीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप की टीम इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए दिन-रात जुटी रही। पर्दे के पीछे रहकर ये टीम कड़ी मेहनत करती रही। इसकी सफलता का श्रेय दाेनों नेताओं की पीआर टीम को भी जाता है। लेकिन मीडिया की खबरों में इनकी मेहनत दब कर रह गई।
5- हाउडी मोदी कार्यक्रम पर एक सवाल ये भी
इन बड़ी-बड़ी बयानबाजियों के बीच हाउडी मोदी कार्यक्रम कुछ सवाल भी छोड़ गया है। ऐसे में जब भारत-अमेरिका के बीच कारोबार को लेकर जबरदस्त तनाव है। क्या हम इस तनाव को कम करने में कामयाब हो पाए। इन सबके बावजूद इसमें कोई शक नहीं कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक नई साख बनाई है। नई पहचान बनाई है।