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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के रोवर चैलेंज में छाए भारतीय छात्र

नासा ने एक बयान में कहा है कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित केआइइटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट ने ‘एआइएए नील आर्मस्ट्रांग बेस्ट डिजाइन अवार्ड’ जीता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 12:03 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 12:03 PM (IST)
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के रोवर चैलेंज में छाए भारतीय छात्र
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के रोवर चैलेंज में छाए भारतीय छात्र

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की सालाना प्रतियोगिता ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज में भारतीय छात्र छाए रहे। भारत की तीन टीमें इस प्रतियोगिता में पुरस्कार जीतने में कामयाब रहीं। उनकी झोली में चार पुरस्कार आए। यह प्रतियोगिता हाईस्कूल और कॉलेज स्तर के छात्रों के लिए होती है। इसमें भविष्य के चंद्रमा, मंगल और अन्य अंतरिक्ष अभियानों के लिए रोवर बनाने की प्रतियोगिता होती है।

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नासा ने एक बयान में कहा है कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित केआइइटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट ने ‘एआइएए नील आर्मस्ट्रांग बेस्ट डिजाइन अवार्ड’ जीता है। मुंबई के मुकेश पटेल स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग ने ‘फ्रैंक जो सेक्स्टन मेमोरियल पिट क्रू अवार्ड’ पर कब्जा जमाया। इसके अलावा इस स्कूल की टीम को ‘सिस्टम सेफ्टी चैलेंज अवार्ड’ से भी नवाजा गया। पंजाब के फगवाड़ा में स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की टीम ‘एसटीइएम इंगेजमेंट अवार्ड’ जीतने में सफल रही।

सौ टीमें हुई थीं शामिल : प्रतियोगिता में अमेरिका, भारत, ब्राजील, बांग्लादेश, मिस्र, जर्मनी और मेक्सिको समेत विभिन्न देशों की करीब 100 टीमों ने हिस्सा लिया। 

जर्मन इंस्टीट्यूट पहले स्थान पर : जर्मनी के इंटरनेशनल स्पेस एजुकेशन इंस्टीट्यूट ने हाईस्कूल श्रेणी में 91 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया। कॉलेज श्रेणी में यूनिवर्सिटी प्यूर्टोरिको मायागेज की टीम 101 अंकों के साथ पहले स्थान पर रही।

प्रतियोगिता के 25 साल : नासा के अनुसार, यह प्रतियोगिता 12 और 13 अप्रैल को अमेरिकी स्पेस एंड रॉकेट सेंटर में आयोजित हुई थी। इसकी मेजबानी नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर ने की। इस प्रतियोगिता को इस वर्ष 25 साल पूरे हो गए।

सुनीता विलियम्स भी पहुंची

नासा की भारतवंशी अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स प्रतियोगिता के दूसरे दिन पहुंचीं और टीमों के साथ बातचीत कीं। दो बार अंतरिक्ष की यात्रा करने वाली सुनीता ने प्रतियोगिता की कई गतिविधियों में हिस्सा भी लिया।


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